मुंबई : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पर इन दिनों बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। यहां एक पक्षी को बर्ड फ्लू के वायरस से ग्रसित पाया गया। इसके बाद से यहां डर से सैकड़ों मुर्गे-मुर्गियों को मार दिया गया है। पड़ोसी राज्य कर्नाटक में बर्ड फ्लू की खबरों से महाराष्ट्र सरकार भी हरकत में आ गई है। सरकार ने अधिकारियों से राज्य में संक्रमण फैलसे से रोकने के लिए उचित कदम उठाने के लिए कहा है।
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले कुछ दिनों में इस संबंध में कड़े निर्देश जारी किए हैं। साथ ही मुर्गीपालन उद्योग पर निगरानी रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में मुर्गीपालन उद्योग से लगभग 700 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होता है।
राज्य पशुपालन आयुक्त कांतिलाल उमप ने बताया, ‘राज्य में अब तक कोई भी बर्ड फ्लू का मामला सामने नहीं आया है। लेकिन पड़ोसी राज्य से महाराष्ट्र में लाए जाने वाले प्रत्येक पक्षी के रक्त के नमूनों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने सभी पोल्ट्री प्रबंधकों को पक्षियों की सुरक्षा के लिए दवाइयों के स्प्रे करने के लिए कहा है।
उमप ने कहा, ‘यह (मुर्गीपालन) 700 करोड़ रुपये के आसपास का बड़ा व्यवसाय है। महाराष्ट्र में कुल मुर्गी पक्षियों की संख्या सात लाख से अधिक होगी और इससे ग्रामीण स्तर पर रोज़गार पैदा करने में भी मदद मिलती है। हमें पक्षियों को संक्रमण से बचाने के लिए अतिरिक्त उपाय करने होंगे।’
राज्य पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पिछले एक हफ्ते में लगभग 7,000 नमूनों को एकत्र किया गया था, जिसमें से 5000 नमूनों के नतीजे नकारात्मक रहे हैं और शेष नमूनों के परिणाम अगले दो दिनों में आ जाएंगे। पिछले हफ्ते, बेंगलुरु के दशहराहल्ली गांव में एक पक्षी में एवियन इन्फ्लूएंजा पाया गया था। इसके बाद पशुपालन विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि वो कुछ दिनों तक कच्चा मीट और अंडों का सेवन ना करें।
गौरतलब है कि बर्ड फ्लू एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से चिकन, अन्य पोल्ट्री और जंगली पक्षियों से फैसला है। पक्षियों से यह वायरस इंसानों में भी पहुंच जाता है। वायरस आमतौर पर लोगों को प्रभावित नहीं करता, लेकिन कुछ लोगों को इसके कारण बुखार, दस्त और सांस संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।