मुंबई : महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव परिणाम में प्रदेश में सत्तारुढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुत मिलने के बावजूद राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर दोनों दलों के बीच गतिरोध जारी है और परिणाम आने के 10 दिन बाद भी दोनों दल मतभेदों को सुलझाने में सफल नहीं हुए हैं, जिससे नए गठबंधन बनने समेत कई प्रकार की अटकलें शुरू हो गई हैं।
शिवसेना ने रविवार को अपनी बयानबाजी तेज कर दी। वरिष्ठ नेता संजय राउत ने दावा किया कि पार्टी जल्द ही 170 विधायकों के समर्थन से राज्य में अपना मुख्यमंत्री बनाएगी। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ राउत के तीखे तेवरों के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उम्मीद जताई कि गतिरोध जल्द ही समाप्त हो जाएगा और प्रदेश में नई सरकार बनेगी। दूसरी ओर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य में सरकार गठन के लिए कोई समय सीमा निश्चित नहीं की।
महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा शिवसेना गठबंधन के 288 सदस्यीय सदन में 161 सदस्य निर्वाचित हुए हैं। इनमें से भाजपा के 105 जबकि शिवसेना के 56 विधायक हैं। एक अन्य घटनाक्रम में यह बात सामने आई कि शिवसेना ने राकांपा से संपर्क किया है। राकांपा प्रमुख शरद पवार का सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का कार्यक्रम है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार को मोबाइल पर संदेश भेजा है, जिसके बारे में अजीत ने जानकारी दी।
इसमें लिखा है, नमस्कार मी (मैं) संजय राउत। जय महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री रह चुके पवार ने कहा, इसका मतलब है कि मुझे उनसे बात करनी चाहिए। मैं बात करूंगा और पता करूंगा। खास बात यह है कि शिवसेना और भाजपा के बीच सत्ता के लिए जारी गतिरोध के बीच राकांपा यह कहती रही कि वह जनादेश का सम्मान करते हुए विपक्ष में बैठेगी।
राउत के 170 विधायकों के दावों के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि शिवसेना नेता कैसे इस नंबर तक पहुंचे हैं। राकांपा नेता ने कहा, कांग्रेस राकांपा और अन्य सहयोगियों की कुल संख्या 110 है (जिसमें कांग्रेस के 44 और राकांपा के 54 सदस्य शामिल हैं) और हमारे पास विपक्ष में बैठने का जनादेश है। उन्होंने इन अटकलों को हास्यास्पद बताया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद की दौड़ में हैं।
इस बीच राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष मुनाफ हकीम ने कहा कि राज्य में किसानों, अल्पसंख्यकों और अन्य वर्गों के हित में प्रदेश में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के लिए कांग्रेस को केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करनी चाहिए। सरकार गठन के लिए भाजपा और शिवसेना के बीच बातचीत अधर में हैं और बेमौसम बारिश से प्रभावित राज्य के हिस्सों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं ठाकरे अलग-अलग दौरा कर रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो रहा है और ऐसे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तेजी से काम करने का दवाब है।
उन्होंने प्रदेश के अकोला में बताया कि शीघ्र ही सरकार का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा, गतिरोध जल्दी समाप्त होगा और शीघ्र ही नई सरकार का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश की बजह से प्रदेश के किसान आपदा का सामना कर रहे हैं और उन्हें राहत देने के लिए यह जरूरी है कि राज्य में सरकार का गठन हो। राज्य में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच गतिरोध जारी है। ठाकरे की पार्टी ने बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद को साझा करने तथा मंत्रिमंडल में समान भागीदारी की मांग की थी।
भाजपा ने शिवसेना की इन दोनों मांगों को खारिज कर दिया है। इसके बाद दोनों दलों के बीच सरकार के गठन पर होने वाली बातचीत पर प्रतिकूल असर पड़ा जो अब तक शुरू नहीं हो सकी है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में रविवार को प्रकाशित एक लेख में राउत ने मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के लिए परोक्ष रूप से भाजपा के अहंकार को जिम्मेदार बताया है।
उन्होंने कहा कि अगर 24 अक्टूबर को आए चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री बड़ा दिल लेकर ठाकरे के आवास पर जाते और जल्द बातचीत शुरू हो जाती तो हालात इतने नहीं बिगड़ते। राज्यसभा सदस्य ने कहा, (भाजपा, शिवसेना के) गठबंधन में चुनाव लड़ने और सरकार गठन का जनादेश मिलने के बावजूद रथ का पहिया अहंकार के कीचड़ में फंस गया।
उन्होंने बाद में कहा कि भाजपा के साथ बातचीत केवल मुख्यमंत्री के पद के मसले पर होगी। राउत ने कहा, गतिरोध जारी है। अभी सरकार बनाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। अगर बातचीत होती है, तो यह केवल मुख्यमंत्री के पद के मसले पर होगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नव निर्वाचित विधायकों से समर्थन लेने के लिए आपराधिक तत्वों एवं सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की चुप्पी को राउत ने रहस्यमय करार दिया।
दूसरी ओर ठाकरे ने प्रदेश के औरंगाबाद जिले में कहा, शिवसेना अगर सत्ता में आती है तो आने वाले कुछ दिनों में आपको इसकी जानकारी हो जाएगी। इस बीच राजग के घटक आरपीआई (ए) के नेता तथा केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बताया कि अगर 7 नवंबर तक कोई सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करता है तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राजनीतिक दलों के साथ परामर्श शुरू करेंगे।