राष्ट्रपति कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि राजपक्षे ने सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित होने जा रहे मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने से पहले सभी भारतीय मछुआरों को रिहा करने के आदेश दिए हैं।
यह दूसरा उदाहरण है, जब श्रीलंका अपनी नौसेना द्वारा पकड़े गए भारतीय मछुआरों को रिहा कर रहा है। मार्च में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका के खिलाफ एक प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत के अनुपस्थित रहने के बाद राजपक्षे ने भारतीय मछुआरों को रिहा करने के आदेश दिए थे।
भारत उन 12 देशों में शामिल था जो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव पर मतदान के वक्त अनुपस्थित रहे थे। इस प्रस्ताव में श्रीलंका में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की गई थी। भारत ने पूर्व में अमेरिका द्वारा श्रीलंका के खिलाफ लाए गए ऐसे दो प्रस्तावों का समर्थन किया था।
श्रीलंका के मत्स्य मंत्रालय के अधिकारी हालांकि, वर्तमान में जेलों में बंद भारतीय मछुआरों की संख्या के बारे में संकेत नहीं दे सके। कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के शासन के दौरान भारत के साथ श्रीलंका के संबंधों में कड़वाहट आ गई थी। यहां विश्लेषकों का कहना है कि मोदी के आगमन के साथ राजपक्षे अपने पड़ोसी के साथ संबंध सुधारने के लिए बेहद उत्सुक दिखाई देते हैं।