मदनी ने दावा किया है कि उन्होंने न कभी नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है और न ही भविष्य में ऐसा करेंगे लेकिन कांग्रेस मोदी का डर दिखाकर मुसलमानों का वोट हासिल करने की भी कोशिश न करे। दरअसल, महमूद मदनी ने ये बात अपने बयान को लेकर पैदा हुए विवाद की सफाई में कही है।
जयपुर के एक में मुस्लिम आरक्षण सम्मेलन में महमूद मदनी ने कहा कि मुसलमानों को अनावश्यक रुप से मोदी से डरने की जरूरत नहीं है। मदनी ने कहा, “मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है। धर्मनिपेक्षता देश की जड़ों में है और सांप्रदायिक ताकतें कभी देश की आम जनता का दिल नहीं जीत सकती।
हालांकि, बाद में इस मुद्दे पर महमूद मदनी का कहना है कि ‘जयपुर में दिए गए मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। मैंने सिर्फ यही कहा था कि कांग्रेस ये न समझे कि मुसलमान सिर्फ उसे वोट देंगे। कांग्रेस इस भ्रम में न रहे कि मोदी का डर पैदा करने से उसे मुस्लिम समुदाय का वोट मिल जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘मेरा हर पार्टी से यही कहना है कि वोट लेने के लिए राजनीति जरूर करें पर नकारात्मक नहीं सकारात्मक एजेंडे पर। मजहब और धर्म के नाम पर वोट न मांगे जाए और न ही इस पर राजनीति हो।
उन्होंने कहा, ‘खुद को सेकुलर बताने वाली पार्टियां को मुस्लिम समुदाय को लेकर अपना एजेंडा बताना चाहिए। जिससे हमें भी पता चल सके कि उन्होंने मुस्लिमों के लिए क्या-क्या किया और आगे क्या करने का प्लान है। वो इस बुनियाद पर वोट लेने की कोशिश करें न कि किसी का डर दिखाकर।
जब मदनी से मोदी के समर्थन के बारे में सवाल पूछे गये तो उन्होंने कहा, ‘मैं उनका समर्थन नहीं कर रहा। किसी का डर दिखाकर वोट लेने से मना करना अलग चीज है ,और सीधे-सीधे पक्ष में बोलना अलग बात। मोदी की जो छवि रही है और गुजरात में चुनाव जीतने के लिए उन्होंने जो तरीका अपनाया इस वजह से वो हमेशा चर्चा में बने रहे हैं। क्या उनका चेहरा मान्य होगा, आज की तारीख में मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। फिलहाल मोदी पर मैं अपने पत्ते नहीं खोलूंगा। इसके लिए हम मई सही समय का इंतजार करेंगे।