महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर चल रहे गतिरोध आखिरकार सुलझते हुए नज़र आ रहे है। शिवसेना अब प्रदेश की बीजेपी सरकार में शामिल होगी । महाराष्ट्र भाजपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा और शिवसेना के बीच जारी बातचीत सकारात्मक दौर में चल रही है। कुछ सूत्रों का कहना है कि समझौते का फार्मूला तैयार कर लिया गया है। शिव सेना को चार कैबिनेट तथा आठ राज्यमंत्रियों का पद दिए जाने के फार्मूले पर सहमति बनी है। इस संबंध में फिलहाल कोई आधिकारिक घोषण नई की गई है। शिवसेना के विधायक बुधवार को मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र चुनाव से पहले बीजेपी और शिवसेना का पुराना गठबंधन टूट गया था। चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना ने बीजेपी के लिए ‘श्राद्ध के कौवे’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना को ‘हफ्तावसूली पार्टी’ और एनसीपी को ‘नैचुरली करप्ट पार्टी’ कहा था। लेकिन सदन में फड़नवीस सरकार ने एनसीपी के समर्थन से ‘विवादित’ विश्वास मत हासिल कर लिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस विश्वास मत को शिवसेना ने ‘फर्जी’ बताया था और राज्यपाल की गाड़ी के आगे खूब हंगामा भी किया था। लेकिन कुछ उच्चस्तरीय बैठकों के बाद बीजेपी और शिवसेना के बीच सब कुछ ठीक बताया जा रहा है। यह संभवत: पहली बार है कि किसी राज्य का प्रमुख विपक्षी दल सीधे-सीधे सरकार में शामिल होने जा रहा है।
खबरों के मुताबिक शिवसेना को गृह, आवास, राजस्व और ऊर्जा जैसे बड़े विभाग नहीं मिलेंगे। इनकी जगह उसे जल संरक्षण, उद्योग और पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग दिए जा सकते हैं। शिवसेना गृह विभाग चाहती थी, लेकिन उसे गृह राज्य मंत्री का पद मिल सकता है। खबर यह भी है कि शिवसेना को केंद्र में एक अतिरिक्त मंत्री पद भी मिल सकता है।
गौरतलब है कि शिवसेना और भाजपा की सरकार पहली बार महाराष्ट्र में 1995 में बनी थी और 2014 लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद हुआ था, जिसके बाद गठबंधन टूट गया था।