नई दिल्ली : एक चकित करने वाले फैसले में कर्नाटक से पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को लोकसभा में कांग्रेस का नेता नामित किया गया। खड़गे यूपीए-2 सरकार के दौरान रेल मंत्री थे।
दलित नेता और कर्नाटक के गुलबर्गा सीट से लोकसभा में दूसरी बार चुनकर आए खड़गे का मनोनयन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा किया गया, जिन्होंने इन मांगों को दरकिनार कर दिया कि या तो वह खुद या उनके पुत्र राहुल गांधी लोकसभा में पार्टी के नेता का पद संभालें, जिन्हें विपक्ष के नेता का दर्जा मिल सकता है। कांग्रेस महासचिव और संगठन मामलों के प्रभारी जनार्दन द्विवेदी ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में मनोनीत किया है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता चुने गए खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी ‘विरोध की खातिर विरोध’ नहीं करेगी तथा पार्टी का रुख मुद्दों पर आधारित होगा। पार्टी द्वारा सौंपी गई नई भूमिका पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए खड़गे ने कहा, हम विरोध की खातिर विरोध नहीं करेंगे। उसका (कामकाज) देश एवं समाज के व्यापक हित के लिए मुद्दों पर आधारित होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसी के साथ उनकी पार्टी विपक्षी दल की तरह सरकार की गलतियों को उजागर करने की अपनी जिम्मेदारियां निभाएगी।
खड़गे ने अपने 45 साल के राजनीतिक जीवन में कभी पराजय का सामना नहीं किया है। उन पर भरोसा जताने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, मैं पार्टी अध्यक्ष की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयास करूंगा।
खड़गे ने कहा, मैं देश के हित के लिए गंभीरता एवं ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा। मेरी पार्टी अध्यक्ष द्वारा मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा कि वह सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं अन्य नेताओं से दिशानिर्देश लेंगे तथा अपनी नई भूमिका में सभी को साथ लेकर चलेंगे।