कोलकाता : पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग को आरक्षण पर केंद्र की मोदी सरकार के मानदंडों को ही अपनाया है। सोमवार को राज्य सचिवालय से इस बाबत अधिसूचना जारी की गई।
अधिसूचना के मुताबिक जिन परिवारों की सालाना आय आठ लाख रुपये या उससे कम होगी, सामान्य वर्ग के उन्हीं परिवारों के लड़के-लड़कियों को शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में आरक्षण की सुविधा मिलेगी। ऐसे परिवारों के मालिकाना हक वाली जमीन का परिमाण पांच एकड़ से अधिक भी नहीं होना चाहिए। शहर व उपनगरीय इलाकों में एक हजार वर्गफुट या उससे बड़ा फ्लैट होने पर आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
इसके अलावा जो पहले से एससी, एसटी, ओबीसी से जुड़े आरक्षण के दायरे में आते हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। मानदंडों को पूरा करने वालों को ही इस आरक्षण का लाभ मिलेगा।
ग्रुप डी व सी के कर्मचारियों का बढ़ा वेतन
राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। राज्य सचिवालय नवान्न से जारी निर्देशिका के अनुसार राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत ग्रुप डी और सी के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जाएगी। नए निर्देश के बाद अब राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत इन कर्मचारियों का नया वेतनमान तय होगा। इसके अलावा यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु 60 वर्ष से पहले हो जाती है, तो उनके आश्रित को दो लाख रुपये बतौर आर्थिक मदद दी जाएगी।
ग्रुप-डी के कर्मचारियों का अधिकतम वेतन 22,000
ग्रुप-डी के तहत बीते 20 साल या इससे अधिक समय से कार्यरत कर्मचारियों को 22,000 रुपया, 15 साल और 20 साल से कम समय से कार्यरत कर्मचारियों को 19,000 रुपया, दस साल और 15 साल से कम समय से कार्यरत कर्मचारियों को 16,500 रुपया, पांच साल और 10 साल से कम समय से कार्यरत कर्मचारियों को 14,000 रुपया और पांच साल से कम समय से कार्यरत कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाकर अब 12,000 रुपया कर दिया गया है। यानी ग्रुप-डी के कर्मचारियों का अधिकतम वेतन 22 हजार और न्यूनतम वेतन अब 12,000 रुपया हो गया है।
ग्रुप-सी के कर्मचारियों का अधिकतम वेतन 24,500
वहीं-ग्रुप सी के कर्मचारी जो 20 साल या इससे अधिक समय से कार्यरत हैं, उन्हें 24,500 रुपये, 15 साल व 20 साल से कम समय से कार्यरत कर्मचारियों को 21,000, दस साल व 15 साल से कम समय से कार्यरत कर्मचारियों को 18,000, पांच साल व 10 साल से कम समय से कार्यरत कर्मचारियों 15,500 और जो कर्मचारी 5 साल से कम समय से कार्यरत हैं, उनका वेतन बढ़ाकर 13,500 रुपया कर दिया गया है। यानी ग्रुप-सी के कर्मचारियों को अब अधिकतम वेतन 24,500 रुपया व न्यूनतम वेतन 13,500 रुपया कर दिया गया है।
बता दें कि सरकारी अधीनस्थ कर्मचारियों को कंट्रोलिंग अथारिटी की ओर से वेतन दिया जाता है। आर्थिक मदद इस अथारिटी के तहत ही प्रदान की जाएगी। हालांकि सरकार इन कर्मचारियों के आपराधिक मामले में संलिप्तता पर सख्त दिख रही है। निर्देशिका के अनुसार ऐसे मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोपितों के खिलाफ सरकार प्राथमिक दर्ज कराएगी।