नई दिल्ली: कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में एक विशेष अदालत ने अभियुक्त के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख और उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला समेत छह लोगों को समन जारी किया है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने आईपीसी की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश) और 409 (किसी लोकसेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून (पीसीए) के प्रावधानों के तहत छह आरोपियों को कथित अपराधों के लिए समन किया है।
कोर्ट द्वारा समन किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, ‘मैं जांच प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहा हूं। निश्चित रूप से मुझे इससे परेशानी हुई है कि कोर्ट ने मुझे इस मामले में समन किया है, लेकिन कोई बात नहीं यह जीवन का एक हिस्सा है। मुझे यकीन है कि अब सच्चाई सामने आ जाएगी। इस मामले में अब मुझे तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।
वहीं भाजपा नेता किरीट सोमैया का कहना है कि इस घोटाले के लिए जो कोई भी जिम्मेदार हो, उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
आपको बता दें कि जब हिंडाल्को कोल ब्लॉक का आवंटन हुआ, तब मनमोहन सिंह ने कोयला मंत्री का कार्यभार संभाला हुआ था। उस समय कुमार मंगलम बिड़ला ने प्रधानमंत्री को खत लिखकर दो कोयला खदान आवंटित करने का अनुरोध किया था। इसलिए मनमोहन सिंह से पूछताछ कर मामले की कई कड़ी सामने आ सकती हैं। इसलिए पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई थी, कि उसने कोल आवंटन के मसले पर मनमोहन सिंह से पूछताछ क्यों नही की? सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद सीबीआई ने पूर्व पीएम से पूछताछ की थी।
साथ ही पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हाल के दिनों में जिस तरह 1.10 लाख करोड़ रुपये में सिर्फ 19 कोयला खदानों की नीलामी हुई है, उससे कैग की रिपोर्ट सच साबित हो गई है। संप्रग सरकार के समय किए गए कोयला खदान आवंटन में कैग ने 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया था।
वहीँ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने मनमोहन सिंह को समन किए जाने पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा, ‘कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इसलिए मुझे हैरानी हो रही है कि उन्हें समन किया गया है।