अपनी रफ़्तार से दौड़ रही सम्पूर्ण क्रान्ति एक्सप्रेस ट्रेन एक आवाज़ के साथ अचानक खड़ी हो गयी, ट्रेन के अचानक रुकने से ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्री मामले को समझ नहीं पाए, मगर जब उन्हें जानकारी मिली तो यात्रिओ में हडकंप मच गया, यात्री सकते में आ गए, क्योकि वो बाल बाल बचे थे, एक बड़ा हादसा होते होते रुक गया था, और सभी यात्री सुरक्षित थे।
फफूंद स्टेसन पर उस समय ड्यूटी कर रहे स्टेसन मास्टर आर सी त्रिपाठी की माने तो उन्हें इलाहबाद कंट्रोल रूम से सूचना दी गयी थी कि बोगी नंबर एस 4 में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया है, और उसे मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए फफूंद उतरना जरुरी है, और इसके लिए एम्बुलेंस 108 को फफूंद स्टेसन पर भेजा जा चूका है, एसे सम्पूर्ण क्रान्ति को फफूंद स्टेसन पर रोक जाना था, और इसके लिए ट्रेन को लूप लाइन में ले लिया गया, मगर लूप लाइन में ट्रेन के आते ही बोगी संख्या एस 10 का दो पहिया एक आवाज़ के साथ पटरी से उतर गया।
फफूंद स्टेसन के पास ये हादसा हुआ रात के करीब 11 बजे, हादसे के बाद ट्रेन करीब तीन घंटे तक उसी हालत में कड़ी रही, और यात्री परेशान रहे, कुछ यात्रिओ की माने तो करीब दो घंटे तक ट्रेन को ठीक करने की कोशिस भी नहीं की गयी, करीब दो घंटे बाद ट्रेन को पटरी पर चढ़ाया गया, इस दौरान डाउन लाइन पूरी तरह से बाधित रहा, रात करीब एक बजे ट्रेन फफूंद से रवाना हो सकी।