यह हमला दुमका से 35 किलोमीटर दूर काठीकुंड इलाके में किया गया। माना जा रहा है कि यहां नक्सली पहले से ही घात लगाए बैठे थे और काफिले के नजदीक आते ही उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस पार्टी मौके पर पहुंच गई है और शवों को दुमका लाया जा रहा है। अमरजीत बलिहार मूलतः स्टेट पुलिस के अफसर थे। 17 मई को ही उन्होंने पाकुड़ का कार्यभार संभाला थाए और शानदार रेकॉर्ड के चलते प्रमोट होकर आईपीएस बनाए गए थे।
ऐसा झारखंड में दूसरी बार हुआ है जब किसी एसपी रैंक के अधिकारी की इस तरह हत्या हुई है। इससे पहलेए साल 2000 में बिहार से अलग होने से पहले घात लगाकर किए गए हमले में लोहारडागा के एसपी अजय कुमार सिंह की मौत हुई थी।
पाकुड़ पं बंगाल की सीमा से सटा जिला है और माना जाता है कि यहां नक्सली समानांतर सरकार चलाते हैं। झारखंड के लिए यह जिला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से बड़े पैमाने पर राजस्व आता है। यह जिला बीड़ी उद्योग और स्टोन क्रशिंग के लिए मशहूर है। यहां की काले रंग की स्टोन चिप का निर्यात भी किया जाता है। इसी उद्योग के इर्द गिर्द अवैध खनन और वसूली का भी कारोबार चलता है।
हमले के बाद घटनास्थल पर जवानों को भेजा जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ नक्सलियों ने हमले की पूरी तैयारी कर रखी थी। खबर है कि दोनों ही तरफ से बुत देर तक फायरिंग हुई। पुलिस पर हमले के लिए लैंडमाइन भी बिछाई गई थीं।