नई दिल्ली : ऐसे मामले हमारे देश में बहुत की कम मिलेंगे जहाँ किसी ससुर ने अपनी विधवा बहू का पिता बनकर कन्यादान किया हो। जी हाँ, देहरादून में रहने वाले सास-ससुर ने माता-पिता बनकर अपनी विधवा बहू की धूमधाम से शादी की और कन्यादान भी किया।
जानिये क्या है पूरी कहानी
यह मामला देहरादून जिले के बालावाला का है। यहां विजय चंद और कमला परिवार के साथ रहते हैं। वर्ष 2014 में विजय चंद के बड़े बेटे संदीप की शादी कविता नाम की लड़की से हुई। परिवार में खुशियां थी, सब कुछ ठीक चल रहा था। अचानक वर्ष 2015 में संदीप की हरिद्वार में सड़क हादसे में मौत हो गई। मानो इस परिवार की खुशियों पर किसी की नजर लग गई। विजय चंद के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इसके बाद पूरे परिवार ने ना खुद हिम्मत हारी और न ही अपनी बहू कविता को हारने दी।
इस बीच विजय चंद और कमला ने कविता की सहमति से उसके लिए लड़का तलाशना शुरू किया। उन्होंने ऋषिकेश निवासी तेजपाल सिंह को कविता के लिए पंसद दिया। दोनों परिवार की सहमति से तेजपाल और कविता की शादी हो गई। विजय चंद और कमला ने कविता को अपनी बेटी की तरह ससुराल के लिए विदा किया।
कविता बताती हैं कि मैं कभी भी अपने सास-ससुर को अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी। कहती हैं कि उन्होंने मुझे बहुत प्यार और सम्मान दिया। मैंने जब जिसकी मांग की, मेरी हर बात को मेरे ससुराल पक्ष ने पूरा किया। मुझे अपनी बेटी की तरह ही प्यार दिया। इस घटना के बाद मैं अपने माता-पिता के पास चली जाती तो शायद मेरे सास ससुर टूट जाते।
विजय चंद बताते हैं कि जब हमारे बेटे का निधन हुआ, तो हर किसी ने हमें कविता को वापस भेजने के लिए कहा। क्योंकि लोगों के हिसाब से वह परिवार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रही, लेकिन हम हमेशा उसके साथ खड़े रहे। मैंने उसकी शादी करने अपनी बेटी के रूप में उसका कन्यादान किया। वह हमारे परिवार से कभी ना अलग होने वाला हिस्सा है। विजय बताते हैं कि मेरी इच्छा है और मैं आशा करता हूं कि हमारा समाज इस घटना से कुछ सीख ले। हमारी बहू, हमारी बेटी की तरह है। वह दुनिया में सभी सम्मान और आशीर्वाद की हकदार हैं।