युवराज सिंह ने कहा कि उनके दिमाग में यह खयाल आता है कि शायद वह अब फिर से कभी भारत की तरफ से नहीं खेल पाएं। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही जोड़ा कि अगर वह भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी करने में नाकाम रहते हैं, तो यह काफी तकलीफदेह होगा।
विजडन इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में युराज ने कहा कि ऐसी आशंका है कि मैं शायद कभी टीम इंडिया के लिए नहीं खेल सकूं लेकिन ऐसी संभावना भी है कि शायद मुझे टीम में वापसी करने का मौका मिल जाए। जहां तक मेरा विश्वास है, मैं भारतीय टीम में वापसी कर सकता हूं। मैं अपना पूरा दम लगाता रहूंगा।
युराज ने कहा कि टीम में नहीं चुना जाना हमेशा ही खराब लगता है। उम्मीद करता हूं कि चीजें बदलेंगी और मैं फिर से टीम में चुना जाऊंगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो जिंदगी बहुत डिप्रेसिंग हो जाएगी। मैं सिर्फ कोशिश कर सकता हूं और अपना बेस्ट दे सकता हूं।
युवराज भले ही राष्ट्रीय टीम में वापसी के मजबूत दावेदार नहीं हैं लेकिन उन्होंने अब भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में चयन को लेकर बात नहीं कर सकता। मेरे पास सर्वश्रेष्ठ मौका क्या हैं। दलीप ट्राफी, रणजी एकदिवसीय और अन्य मैच जो भी मुझे खेलने को मिलेंगे। जैसे मैंने कहा कि अगर मैं टीम में जगह बनाता हूं तो यह बहुत बड़ी बात होगी। वापसी करके भारत की तरफ से फिर से विश्व कप में खेलना शानदार होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो भी जिंदगी चलती रहेगी। इसे स्वीकार करना मुश्किल होगा लेकिन मुझे इसे स्वीकार करना पड़ेगा।
भारत की कई जीत के नायक रहे युवराज ने कहा कि टीम से बाहर चल रहे अन्य खिलाड़ियों जैसे कि हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के साथ वे अच्छे दिनों को लेकर बात करते हैं। उन्होंने कहा कि हम हमेशा उन दिनों के बारे में बात करते हैं जो हमने भारत की तरफ से खेलते हुए साथ में बिताये थे। हम सभी जानते हैं कि वे हमारी जिंदगी के शानदार साल थे। लेकिन जब आप टीम में नहीं होते हो तब भी जिंदगी आगे बढ़ती है। आपको केवल सकारात्मक बने रहने और कड़ी मेहनत जारी रखनी होती है।
गौरतलब है कि कैंसर जैसी बीमारी से सफलतापूर्वक उबरने के बाद युवराज ने भारतीय टीम में कुछ समय के लिए वापसी की थी। उन्होंने भारत की तरफ से आखिरी वनडे मैच दिसंबर 2013 में खेला था।