जम्मू : जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है। BJP की ओर से गठबंधन सरकार से समर्थन वापसी के बाद महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया। इसके साथ ही, महबूबा ने शाम 4 बजे पीडीपी की बैठक बुलाई है। उधर, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि राज्य में जो हुआ अच्छ हुआ। कांग्रेस किसी भी सूरत में पीडीपी के साथ सरकार नहीं बनाएगी।
BJP ने किया महबूबा सरकार से किनारा
इससे पहले जम्मू कश्मीर की BJP-PDP गठबंधन सरकार से भारतीय जनता पार्टी ने अपना समर्थन वापसी का ऐलान किया। मंगलवार को BJP प्रवक्ता राम माधव ने कहा कि जम्मू कश्मीर में गठबंधन की सरकार और आगे चलाना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और BJP अध्यक्ष अमित शाह के साथ सलाह मशविरा के बाद किया गया है। BJP ने समर्थन वापसी की चिट्ठी राज्यपाल को भेज दी है।
महबूबा ने की विकास की अनदेखी
राम माधव ने कहा कि सबकी सहमति से इस गठबंधन को खत्म करने का फैसला किया गया। राम माधव ने कहा कि जम्मू कश्मीर में शांति के लिए PDP के साथ गठबंधन किया गया था। जम्मू कश्मीर में विकास के लिए केन्द्र सरकार ने भरपूर मदद की।
उन्होंने कहा कि गठबंधन का नेतृत्व पीडीपी के पास था। PDP ने अड़चन डालने का काम किया। दायित्व निभाने में महबूबा पूरी तरह से नाकाम रही। जम्मू और लद्दाख के विकास की अनदेखी की गई। ऐसे में BJP के मंत्री ठीक से काम नहीं कर सके। राम माधव ने कहा कि महबूबा सरकार राज्य को नहीं संभाल पा रही थी।
BJP ने की राज्यपाल शासन की मांग
जम्मू कश्मीर BJP के प्रभारी राम माधव ने कहा कि BJP ने यहां पर राज्यपाल शासन की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब राज्यपाल शासन से ही प्रदेश में हालत सुधरने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार से समर्थन वापसी के बावजूद प्रदेश में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि BJP अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के सभी BJP मंत्रियों और प्रदेशाध्यक्ष को नई दिल्ली बुलाया था। ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी-पीडीपी गठबंधन पर अमित शाह कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।