नई दिल्ली : मौसम विभाग ने दक्षिण-पूर्व और पूर्व-मध्य अरब सागर में बने हवा के कम दबाव के क्षेत्र के 13 जून तक भयंकर चक्रवाती तूफान में बदलने का पूर्वानुमान जारी करते हुए केरल, लक्षद्वीप, कर्नाटक के तटीय इलाकों तथा सौराष्ट्र एवं कच्छ में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है तथा मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि हवा के कम दबाव का यह क्षेत्र सोमवार सुबह लक्षद्वीप के अमनीदिवी से 240 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम, मुंबई से 760 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और गुजरात के वेरावल से 930 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था। इसके 11 जून तक चक्रवाती तूफान में और उसके बाद भयंकर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। इसके अगले 72 घंटे के दौरान उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने का पूर्वानुमान है।
विभाग ने 10 जून को लक्षद्वीप और कर्नाटक के तटीय इलाकों में, 12 जून को केरल में और 13 जून को सौराष्ट्र तथा कच्छ में भारी से काफी भारी बारिश की चेतावनी दी है। इन इलाकों में 14 जून तक अच्छी बारिश की संभावना है।
इसके अलावा दक्षिण कर्नाटक के अंदरूनी हिस्से, कोंकण और गोवा में भी 10 जून से 14 जून के बीच बारिश हो सकती है। इस दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठने की आशंका को देखते हुए दक्षिण-पूर्वी अरब सागर तथा लक्षद्वीप के आसपास, केरल तट के पास तथा कर्नाटक के तटवर्ती इलाकों में मछुआरों को 11 जून तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
पूर्वी-मध्य अरब सागर और महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकों में 11 और 12 जून को तथा उत्तर-पूर्वी अरब सागर और गुजरात के तटवर्ती इलाकों में 12 और 13 जून को मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। जो मछुआरे समुद्र में हैं उन्हें वापस लौट आने की सलाह दी गई है।