जम्मू के अरनिया सेक्टर के कठार कोठे गांव में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ अब भी जारी है। हालांकि जवानों ने लश्कर ए तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया है। उनकी लाशें भी बरामद हो चुकी हैं। लेकिन कुछ और आतंकियों के बचे होने की आशंका जताई जा रही है।
फिलहाल सेना और आतंकियों के बीच भारी गोलीबारी की खबर है। सेना ने कठार गांव को खोली करा लिया है। अब तक 3 जवान शहीद हो गए हैं और चार गांव वालों के मारे जाने की खबर हैं।
यहाँ सोचने वाली बात यह है की ये सब कुछ ठीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से ठीक पहले हो रहा है जो खुद में कई सवाल खड़े करने वाली बात है। लिहाजा केंद्र सरकार ने हालात पर पैनी नजर बना रखी है।
विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में प्रचार के लिए मोदी उधमपुर पुहंच चुके हैं। इसके बाद वह पुंछ में जनसभा को संबोधित करेंगे। रैली को देखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के 200 किलोमीटर के रेंज पर नजर रखी जा रही है।
आतंक के सौदागरों और जवानों के बीच मुठभेड़ तब शुरू हुई जब लश्कर के आतंकियों ने कठार कोठे गांव में हमला किया और सेना के खाली पड़े बंकर पर कब्जा जमा लिया। तब गुरुवार की सुबह करीब साढ़े आठ का वक्त रहा होगा। पूरे इलाके में हथियार संभाले जवानों की बूट खटखटाने लगी। घंटों तक एक तरफ जवान थे तो दूसरी तरफ देश के दुश्मन। सुरक्षाबलों के सामने कम से कम चार आतंकियों को मार गिराने की चुनौती थी।
जहां आतंकियों ने हमला किया यानी जिस गांव में ऑपरेशन चल रहा है वो अंतरराष्ट्रीय सीमी से महज दो किलोमीटर और उधमपुर से सौ किलोमीटर दूर है। ऐसे में सवाल ये कि कहीं उधमपुर में होने वाली मोदी की रैली से पहले सरहद पार से किसी बड़ी साजिश की तैयारी तो नहीं थी।