दरअसल, एक रिपोर्टर ने जब मंत्री जी से पूछा तो उन्होंने कहा, जवान तो शहीद होने के लिए ही होते हैं। सेना में और पुलिस नौकरी किसलिए होती है। आप थोड़े ही शहीद होइएगा। लोग शहादत के लिए ही जाते हैं। यही उसकी भावना है। भीम सिंह ने उल्टे रिपोर्टर से ही सवाल कर डाला, आप क्यों नहीं गए नागरिक के तौर पर। आप ड्यूटी पर थे न। आपके बाबूजी गए थे वहां, आपके पिता नागरिक हैं न,आपके पिता गए वहां।
उल्लेखनीय है कि नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान के हमले में शहीद बिहार के चार जवानों के अंतिम संस्कार के दौरान एक भी मंत्री के न रहने को लेकर नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हो रही है, ऐसे में मंत्री भीम सिंह के बयान ने आग में घी डालने का काम कर दिया। हालांकि, कुछ ही देर बाद जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फटकार मंत्री जी को लगी तो उनके तेवर ठंडे पड़ गए और उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफी मांग ली।
जैसे ही भीम सिंह का यह बयान सामने आया बिहार में सियासी हंगामा मच गया। विपक्षी आरजेडी ने भीम सिंह के बयान की जमकर आलोचना की है और कहा कि उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। आरजेडी नेता रामकृपाल यादव ने कहा कि भीम सिंह का बयान शहीदों के साथ अपमान है। बीजेपी ने भी भीम सिंह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे बेशर्म बयान बतया है।