यहाँ के अधिकारियों का कहना है कि हालांकि पनडुब्बी को 16 घंटे के लिए तैनात किया गया था लेकिन छह घंटे के बाद ही इसने अपनी पहली तलाश रोक दी क्योंकि पानी उसकी परिचालन सीमा से अधिक गहरा था। जबकि पनडुब्बी की परिचालन सीमा केवल 4.5 किलोमीटर है।
यहाँ तलाश अभियान का नेतृत्व कर रहे ज्वाइंट एजेंसी कोआर्डिनेशन सेंटर (जेएसीसी) ने विमान की तलाश के 39वें दिन कहा, ब्लूफिन-21 अपने अभियान के करीब छह घंटे पूरा करने के बाद 4500 मीटर की अपनी परिचालन गहराई सीमा पार कर गई और सुरक्षा की दृष्टि से इसमें की गई तैयारियों की वजह से यह सतह पर लौट आई।
उन्होंने कहा, पनडुब्बी द्वारा छह घंटे में एकत्र किए गए आंकड़ों का इस समय विश्लेषण किया जा रहा है। यदि मौसम ठीक रहता है तो ब्लूफिन-21 दूरस्थ हिंद महासागर के समुद्र तल में आज अपना दूसरा तलाश अभियान शुरू करेगी।
मलेशिया के कार्यवाहक परिवहन मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने संवाददाताओं से बात कर यह बताया कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि ब्लैक बॉक्स किसे मिलता है, बल्कि ब्लैक बॉक्स का मिलना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद ही पता चल पाएगा कि कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहे विमान के साथ बीते आठ मार्च को क्या हुआ था। विमान में पांच भारतीय नागरिकों सहित 239 लोग सवार थे।
इस हादसे के बाद ब्लैक बॉक्स की बैटरी 30 दिनों तक काम करती है, लेकिन अभी कुछ दिनों तक वह हल्के संकेत मुहैया करा सकती है। इस बीच आस्ट्रेलिया के मुख्य खोज समन्वयक एंगुस ह्यूस्टन का कहना है कि पानी के नीचे जहां आखिरी बार संकेत मिले थे, उस इलाके से करीब 5500 मीटर में तेल की परत की जांच की जा रही है। इस तलाश अभियान में नौ सैन्य विमान, दो असैन्य विमान और 11 जहाज मदद के लिए शामिल हैं ।