नई दिल्ली : भारत सरकार ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध तरीके से मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम को नोटीफाई कर दिया है। इस नोटिफिकेशन से भारत में बनने वाले मोबाइल फोन की कीमतें काफी कम हो सकती हैं।
यही नहीं अगले 3 साल में भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए टैक्स छूट से लेकर दूसरे इन्सैंटिव सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए इम्पोर्ट पर सरकार ने काऊंटर वेङ्क्षलग ड्यूटी 12.5 फीसदी, बिना इनपुट टैक्स क्रैडिट के एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी और इनपुट टैक्स क्रैडिट के साथ एक्साइज ड्यूटी 12.5 फीसदी कर दिया है। सरकार के इन कदमों का सीधा फायदा घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को मिलेगा।
मिनिस्ट्री ऑफ इलैक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टैक्नोलॉजी ने मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम में 3 साल की डैडलाइन तय की है जिसके तहत देश में मोबाइल हैंडसैट का पूरा ईकोसिस्टम डिवैल्प करना है जिसमें मोबाइल हैंडसैट से लेकर उससे जुड़ी सभी तरह की एसैसरीज की मैन्युफैक्चरिंग भारत में करने का टारगेट है।
भारत में अभी तक मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का ईकोसिस्टम नहीं तैयार हो पाया है। इसकी वजह से ज्यादातर देश में असैंबङ्क्षलग का ही प्रोसैस होता है। यानी मोबाइल की मैन्युफैक्चरिंग बहुत कम हो पाती है।
ज्यादातर उससे जुड़े कंपोनैंट कंपनियां इम्पोर्ट करती हैं जिसकी वजह से मोबाइल फोन की कीमत भी ज्यादा होती है। इसे देखते हुए सरकार चाहती है कि भारत में मोबाइल फोन की असैंबङ्क्षलग की जगह मैन्युफैक्चरिंग की जाए जिससे कि मोबाइल फोन की कीमतों में भी कमी आए।