पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज में अपने संबोधन के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा ‘आधुनिकता चाहिए’ पश्चिमीकरण नहीं, का मंत्र दिया और कहा कि अगर हम अपनी शिक्षा पद्धति अपनाते तो आज कहीं बहुत आगे होते। मोदी ने कहा कि इस समय देश में निराशा का माहौल
है। देश का युवा कुछ करना चाहता है, लेकिन उन्हें मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है। ये युवा न सिर्फ भारत को बल्कि पूरी दुनिया को निराशा के माहौल से बाहर निकालेंगे। मोदी ने कहा कि भारत में जगब की ताकत है। यह देश 1,200 साल की गुलामी के बाद भी जिंदा है। सीना तानकर खड़ा है। पूरी दुनिया से लोग यहां पढ़ने आते थे। विश्वविद्यालयी शिक्षा के 2,600 साल के इतिहास में भारत 1,800 साल तक दुनिया का सरताज रहा। सिर्फ गुलामी के 800 सालों में इसका नाश हुआ।
मोदी ने सोशल मीडिया पर एक्टिव होने की बात कहते हुए कहा कि ट्विटर में मैंने लोगों से सुझाव आमंत्रित किए थे। 2500 युवाओं ने मुझे सुझाव दिए। मोदी ने कहा कि युवा आज देश की हर बात से चिंतित है। देश के बारे में युवा सोचता है। युवा कुछ करना चाहता है। नौजवान के पास सपने हैं, उमंग है। कुछ करने के लिए उत्साहित है। नौजवान कुछ करने को प्रतिबद्ध है। मोदी ने कहा कि 65 फीसदी जनसंख्या युवा है। इसी पर देश दुनिया को बहुत कुछ दे सकता है, लेकिन सही मार्गदर्शन की जरूरत है।