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गुजरात पुलिस ने दी नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट

nnnnnnnnnnnnगुजरात पुलिस ने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के कैंडिडेट नरेंद्र मोदी को चुनाव कानून उल्लंघन कर मतदान केंद्र के बाहर भाषण देने और चिह्न दिखाने के मामले में क्लीन चिट दे दिया है । मामला दर्ज होने के एक दिन बाद गुजरात पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उन्होंने लोगों की भीड़ को 100 मीटर के प्रतिबंधित दायरे से बाहर संबोधित किया था।

इस मामले की जांच के लिए अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा अन्वेषण ने गुरुवार को इस मामले की जांच शुरू की । शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘किसी भी अन्य मामले की तरह हम इस मामले की जांच करके इस तथ्य का पता लगायेंगे कि क्या मोदी मतदान केन्द्र के 100 मीटर के दायरे के भीतर थे।

उन्होंने कहा कि हमारी प्रारंभिक जांच से खुलासा हुआ है कि अधिकारियों ने मतदान केन्द्र के बाहर सफेद पट्टी खींच कर यह सीमा बना रखी थी तथा संवाददाता सम्मेलन उस सीमा से बाहर हुआ था। चुनाव आदर्श आचार संहिता के तहत मतदान केन्द्रों के 100 मीटर के दायरे में प्रचार करने पर प्रतिबंध है।

गौरतलब है कि मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग के निर्देश पर बुधवार को जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 126(1)(ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी। यह मामला मतदान केन्द्र पर सभा करने के कारण दर्ज किया गया। प्रावधान के तहत मतदान समाप्त होने के निर्धारित घंटे के 48 घंटे तक जनसभा करने पर रोक लगायी गयी है ।

मोदी के इस कदम से नाराज कांग्रेस ने फौरन चुनाव आयोग से शिकायत की और गुजरात मुख्यमंत्री को अयोग्य घोषित करने सहित उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। चुनाव आयोग द्वारा दिये गये आदेश में कहा गया, ‘आयोग का मानना है कि जिस दिन पूरे गुजरात और देश के अलग-अलग हिस्सों में मतदान जारी है, उस दिन सभा कर और सभा को संबोधित कर नरेंद्र मोदी ने जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 (1) (ए) और 126 (1) (बी) का उल्लंघन किया है।

आदेश में कहा गया, ‘लिहाजा, आयोग निर्देश देता है. नरेंद्र मोदी तथा उक्त सभा को आयोजित करने में शामिल रहे सभी लोगों के खिलाफ शिकायत या प्राथमिकी, जैसा भी मामला हो, दर्ज की जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को शुक्रवार शाम 6 बजे तक निपटारा रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है।

साथ ही उन टीवी चैनलों के खिलाफ भी जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 (1)(बी) के तहत शिकायत दर्ज की गयी है जिन्होंने इस संवाददाता सम्मेलन का प्रसारण किया ।

अधिकारी ने बताया, ‘मोदी के खिलाफ केवल एक प्राथमिकी जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 (1)(ए), भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 का उल्लंघन करने के कारण दर्ज की गयी है। धारा 144 चार से अधिक लोगों के किसी विशिष्ट मकसद से एकसाथ जुटने को प्रतिबंधित करती है। यह एक संज्ञेय अपराध है जो पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आती है। पुलिस निरीक्षक हरपाल राठौड़ सरकार की ओर से शिकायतकर्ता बने हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 144 के तहत आरोप मुकदमे में टिक नहीं पायेगा क्योंकि कोई भी यह साबित नहीं कर सकता कि सभी मीडियाकर्मियों एवं आम जनता को मोदी ने स्वयं उस स्थल पर आमंत्रित किया था या बुलाया था। मोदी ने न तो एसएमएस भेजा ना ही उन्हें बुलाया था।