नई दिल्ली : मोदी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी साल में बजट पेश करकने के लिए सालों चली आ रही परंपरा को तोड़ने की तैयारी कर रही है। दरअसल एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार बजट को लेकर पुराने रिवाजों को तोड़ते हुए साल 2019 में पूर्ण बजट पेश कर सकती है। जबकि इससे पहले की सरकारें लोकसभा चुनाव होने की स्थिति में अंतरिम बजट पेश करती रही हैं। मोदी सरकार द्वारा पूर्ण बजट पेश करने का ये कदम दिखाता है कि 2019 चुनावों में वह एक बार फिर जीत हासिल करेगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि हम बजट पेश करने की निरंतरता को बरकरार रखेंगे। क्योंकि हम सिर्फ चुनाव के लिए अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं पहुच सकते है। जहां कहीं भी खर्च में अंतर होगा, हम उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे। अधिकारी ने बताया की मोदी सरकार साल 2018-19 का इकोनॉमिक रिपोर्ट कॉर्ड भी जारी करेगी। जो आमतौर पर अगली सरकार का काम होता है।
इसके साथ ही मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की आगुवाई में एक पैनल का गठन भी किया है। ये पैनल वित्त मंत्रालय में अगले चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर का चयन करेगा। एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि सभी विभागों को साल 2018-19 के लिए रिवाइज्ड एस्टीमेट्स और 2019-20 के बजट एस्टीमेट्स के लिए पहले ही खत भेजे जा चुके हैं।
साथ ही सरकार उद्योगों और अन्य स्टेक होल्डर्स से चर्चा भी कर रही हैं कि उनकी बजट को लेकर क्या अपेक्षा है। वहीं साल 2019-20 के अंतरिम बजट के लिए अक्टूबर से तैयारियां शुरु हो चुकी है। वित्त मंत्रालय ने अलग-अलग विभागों से उनके खर्च का अनुमान मांगा है। इस बार का अंतरिम बजट पिछले सभी अंतरिम बजट से अलग होगा।