नई दिल्ली: मोदी सरकार एक बार फिर नोटबंदी जैसा बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है। इस बार नोट बंद नहीं होंगे परंतु कालेधन पर लगाम कसने के लिए लोगों से उनके पास मौजूद सोने का हिसाब मांगा जा सकता है।
सीएनबीसी-आवाज की खबर के मुताबिक, काला धन से सोना खरीदने वालों पर लगाम लगाने के सरकार खास स्कीम लाने की तैयारी में है। चैनल ने सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, इनकम टैक्स की एमनेस्टी स्कीम के तर्ज पर सोने के लिए एमनेस्टी स्कीम ला सकती है।
इसके तहत एक तय मात्रा से ज्यादा बगैर रसीद वाले सोने की जानकारी देनी सरकार को देनी होगी। साथ ही सोने की कीमत का खुलासा भी करना होगा।
इस स्कीम के तहत सोने की कीमत तय करने के लिए वैल्युएशन सेंटर से सर्टिफिकेट लेना होगा। बगैर रसीद वाले जितने सोने का खुलासा करेंगे उस पर एक तय मात्रा में टैक्स देना होगा। ये स्कीम एक खास समय सीमा के लिए ही खोली जाएगी। स्कीम खत्म होने के बाद तय मात्रा से ज्यादा सोना पाए जाने पर भारी जुर्माना लगेगा।
कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस स्कीम का मसौदा तैयार किया है। वित्त मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजा है। जल्द कैबिनेट से इसको मंजूरी मिल सकती है।
खरीदते और बेचते समय लगता है टैक्स : सोना एक ऐसी कीमती धातु है, जिसे खरीदने और बेचने समय हमें टैक्स चुकाना पड़ता है। सोना खरीदने के 36 माह के भीतर आप इसे बेचते हैं तो आप पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स लगता है, वहीं 36 माह बाद इसे बेचने पर लांग टर्म कैपिटल गैन टैक्स देना होता है।
सोने की बढ़ती कीमतों पर कसेगा शिकंजा : बाजार विश्लेषकों के अनुसार भू-राजनीतिक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की सतत खरीद और रुपए की विनिमय दर की कमजोरी से सोना इस साल के अंत तक 42,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच सकता है। बहरहाल सरकार के इस कदम से देश में सोने के दाम गिरने की भी संभावना है।