नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल के संसद में अटकने पर इसे लागू कराने के लिए अध्यादेश का रास्ता अपनाया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई। लोकसभा से पारित होने के बाद यह बिल राज्यसभा में अटक गया था। कांग्रेस संसद में इस बिल के कुछ प्रावधानों का विरोध करती रही है। कांग्रेस के विरोध के कारण तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पा रहा था।
तीन तलाक के मुद्दे पर मोदी सरकार काफी आक्रामक रही है, इसके लिए सरकार की ओर से बिल भी पेश किया गया था। हालांकि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के विरोध के बाद इस बिल में संशोधन किया गया था। संशोधन के बावजूद भी ये बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था। हालांकि, लोकसभा में ये बिल पहले ही पास हो चुका है। तीन तलाक बिल इससे पहले बजट सत्र और मॉनसून सत्र में पेश किया गया था, लेकिन राज्यसभा में पास नहीं हो सका था।
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से लगातार कांग्रेस पर तीन तलाक बिल को अटकाने का आरोप लगाया जा रहा है। इसको लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कांग्रेस पर निशाना साध चुके हैं।
बता दें कि नए बिल में तीन तलाक के मामले को गैर जमानती अपराध तो माना गया है लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा।