आखिरकार बिहार से नरेंद्र मोदी की राजनीतिक दूरियाँ खत्म हो ही गई। बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने ‘हुंकार रैली’ में अपने धुर विरोधियों – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव के साथ ही कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा।
मोदी ने रैली की शुरुआत उन्होंने भोजपुरी और मैथिली से की। मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि बिहार मौकापरस्तों की धरती नहीं रही है सिवाय एक को छोड़कर। जाहिर है मोदी के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे। शहजादे के सवाल पर मोदी ने कहा कि यदि कांग्रेस वंशवाद की राजनीति छोड़ दे तो मैं भी राहुल को शहजादे कहना छोड़ दूंगा।
नरेंद्र मोदी जब हुंकार रैली के मंच पर पहुंचे, तो पहले एक मिनट तक शंख बजता रहा। भारत माता की जय के नारे के साथ मोदी का भाषण शुरू हुआ। आइए जानें क्या कहा पटना में नरेंद्र मोदी ने।
इस गांधी मैदान में पधारे में लाखों लाखों भाइयों बहनों। ये महारैली नहीं है, ये तो भारत की महाशक्ति का अनुष्ठान है मित्रों। ई बाबू कुंवर सिंह की धरती ने शत शत प्रणाम करता ने। भारत के स्वर्णिम इतिहास में बिहार का इतिहास बा। चाहे ऊ नंद वंश के काल होखे या मौर्य वंश के काल होखे। चाहे गुप्त वंश के काल होखे. बिहार ई भूमि होई. जहां सूर्य देव के हर रूप में पूजा होई। सूर्योदय के पूजा होवी, आर सूर्यास्त के पूजा होवी. बिहार के लोग अवसरवादी नव होएं। कुछ अपवाद छोड़ के।
भाइयों बहनों, अगर रामायण काल को याद करें, तो माता सीता की याद आती है। अगर महाभारत काल को याद करें, तो कर्ण की याद आती है. अगर गुप्त वंश की याद करें, तो चंद्रगुप्त की राजनीति प्रेरणा देती है। गणतंत्र की बात करें, तो आज भी वैशाली का गणतंत्र पूरे विश्व में सिरमौर है।
अगर हम सम्राट की बात करें तो आज भी सम्राट अशोक के बाद कोई याद नहीं आता। आज पाटलिपुत्र को याद करें तो पटना की हर गली याद आती है। अगर ज्ञान युग की बात करें तो नालंदा और तक्षशिला का स्मरण होता है. ये मेरा बिहार है भाइयों, और अगर आधुनिक युग में चले जाएं। भारत की आजादी के दो महत्वपूर्ण पड़ाव। एक महात्मा गांधी का चंपारण सत्याग्रह. दूसरा, गुजरात में गांधी का दांडी यात्रा का कालखंड। हिंदुस्तान की आजादी के ये दो महत्वपूर्ण पड़ाव हैं।
मोदी ने लोगों के सामने एक आपबीती सुनाई। उन्होंने ने कहा कि एक बार प्रधानमंत्री की टेबल पर मुझे और बिहार के मेरे मित्र मुख्यमंत्री को एक साथा खाना खाने का मौका मिला। भोजन परोसा जा चुका था पर वह खाना नहीं खा रहे थे। मैं समझ नहीं पा रहा था बिहार के मुख्यमंत्री खाना क्यों नहीं खा रहे हैं। फिर मैं समझ गया। मैंने अपने मित्र से कहा, खाना खाइए यहां कोई कैमरामैन नहीं है। मैंने मन ही मन सोचा ‘हिपोक्रेसी’ की भी हद होती है।
साथ ही मोदी ने ये भी बतया कि, लालू जी मुझे गाली देने से कभी बाज नहीं आते। मैंने कभी जवाब नहीं दिया। कुछ महीने पहले लालू जी दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, मैंने फोन कर उनका हालचाल लिया। मैंने इस बारे में मीडिया से कभी बात नहीं की। लेकिन, लालू जी ने ही मीडिया से बताया कि जिस मोदी को मैं हर वक्त गाली देता हूं उन्होंने फोन कर हालचाल पूछा। मैं अपनी संस्कृति नहीं भूलता इसलिए अपने आलोचकों की भी भलाई चाहता हूं।
इस हुंकार रैली को पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने भी संबोधित किया। मंच पर तमाम बीजेपी नेता मौजूद रहे। इनमें सुशील कुमार मोदी, मंगल पांडे, गिरिराज सिंह आदि प्रमुख शामिल थे।