नई दिल्ली : सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर तेलगू देशम पार्टी द्वारा दी गई नोटिस भले ही मंजूर हो गई हो लेकिन कांग्रेस पार्टी की कोशिश अब अपने पार्ट-टू को सफल बनाने की है। पार्टी की लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर तैयार की जा रही रणनीति से साफ संकेत हैं कि कांग्रेस विपक्ष के सबसे बड़े दल तथा राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी की हैसियत से अपना दबदबा कायम रखना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी खास तौर से तैयारी कर रहे हैं। पार्टी के नेता सदन और संसद परिसर में आक्रमकता बनाए रखने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के मोदी बनाम राहुल हो जाने की पूरी संभावना है।
वाकपटु, रणनीति बनाने में माहिर, किसी भी विपरीत परिस्थिति को पक्ष में कर लेने की क्षमता में निपुण, प्रखर वक्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को बहुत तवज्जो नहीं दे रहे हैं। केन्द्र सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल है। अकेले भाजपा के पास ही बहुमत है। एनडीए के शामिल होने के बाद लोकसभा में सत्ता पक्ष की संख्या काफी मजबूत है।
भाजपा के एक केन्द्रीय मंत्री का कहना है कि सदन में अपनी बात रखने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी या कांग्रेस के मौजूदा किसी नेता से प्रधानमंत्री की कोई तुलना नहीं की जा सकती। इसलिए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मत विभाजन होने दीजिए। सत्ता पक्ष आश्वस्त है कि अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होने के बाद जहां यह गिरने वाला है, वहीं इसके गिरने के बाद विपक्ष पर नैतिक दबाव काफी बढ़ जाएगा।