नई दिल्ली : देश में नोटबंदी पर चारों ओर मची अफरातफरी के बीच पीएम मोदी ने बुधवार को बड़ा बयान दिया। पीएम ने कहा कि हम नोटबंदी का प्रचार ठीक तरीके से करेंगे। उन्होंने कहा कि रोडवेज की लाइन में खड़े होते हैं तो कुछ नहीं ATM की लाइन में खड़े हैं तो लोगों को पीएम दिख रहा है। यही नहीं उन्होंने सभी BJP नेताओं से कहा कि अपने अपने क्षेत्रों में जाकर नोटबंदी का प्रचार करें।
इससे पहले भी पीएम कई बार नोटबंदी पर बयान दे चुके हैं। नोटबंदी पर प्रधानमंत्री ने खुद जनता से 50 दिन की मोहलत मांगी है, और वादा किया है कि 50 दिन के अंदर, यानी की 30 दिसंबर तक जनता को नकदी से हो रही परेशानी से निजात मिल जाएगी। लेकिन पीएम मोदी का ये बड़ा वादा अब सवालों के घेरे में है, क्योंकि नोटबंदी को एक माह होने के करीब है, लेकिन समस्या ना तो कम हुई है और ना ही कम होती दिखाई दे रही है।
दरअसल, अर्थव्यवस्था में अचानक नोटबंदी से पैदा हुई नकदी की ये किल्लत लंबे समय तक बनी रहेगी और यदि आरबीआई दिन-रात भी नोट छापे, तो भी अर्थतंत्र में करेंसी की कमी पूरी होने में छह से आठ महीने लग सकते हैं।
जानकारों का मानना है कि ऐसी स्थिति में भवन-निर्माण, कृषि समेत इनसे जुड़े काम-धंधे और व्यापार-व्यवसाय बैठ जाएंगे और खास तौर पर असंगठित क्षेत्रो में काम कर रहे मजदूर रोजी-रोटी से हाथ धो बैठेंगे। ये ही लोग काम की तलाश में गांव ले शहर आते हैं, लेकिन नकदी के अभाव में न तो इनके पास गांवों में काम होगा, न ही शहरों में इन्हें पनाह मिलेगी।