भंग की गई कैबिनेट समितियां यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी (यूआईडीएआई), महंगाई, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मामलों पर आधारित थीं। सरकार की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि यूआईडीएआई से जुड़े बड़े फैसले लिए जा चुके हैं और बाकी विषयों को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी में रखे जाएंगे। महंगाई पर बनी कैबिनेट समिति के मामले भी अब आर्थिक मामलों की समिति देखेगी।
किसी राष्ट्रीय आपदा की स्थिति में कैबिनेट सचिव के अधीन एक समिति बनाई जाएगी जो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के मामलों को देखेगी। डब्ल्यू टी ओ के मामले भी आर्थिक मामलों की समिति देखेगी। अगर जरूरत पड़ी तो पूरी कैबिनेट इस पर विचार करेगी।
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति, मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति, संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति तथा सुरक्षा पर मंत्रिमंडल की समिति का पुनर्गठन करेंगे।
मोदी सरकार का यह दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय है, जब यूपीए सरकार से विरासत में मिली चीजों को खत्म किया गया। इससे पहले सरकार ने सभी मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) तथा मंत्रियों के समूह (जीओएम) को समाप्त कर दिया था। निर्णय लेने की प्रक्रिया को छोटा करने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के तहत यह फैसला किया गया है।