Most inspiring video of a runner

आज प्रतियोगिताओं की रेस इस दुनिया में इतनी है कि हर कोई किसी न किसी से आगे निकलने में लगा हुआ है । बात सिर्फ आगे निकलने तक ही आकर ख़तम नहीं हो जाती । खुद को सबसे ऊपर दखने की चाह में लोग क्या से क्या कर गुजरते हैं । क्या सिर्फ सबसे ऊपर पहुंचना ही ज़िंदगी की जीत मानी जाती है ?, इस कथन को सत्य करने के लिए किसी के द्वारा लिखी ये लाइन काफी है “मन के हारे हार, मन के जीते जीत” । अगर आप अपनी हार खुद मान लेते हैं तो आप कितने भी ऊपर चले जाए हारे हुए ही कहलायेंगे और अगर आप हर सफलता में अपनी जीत देखते हैं तो चाहे आप कितने भी पीछे क्यों न हो आप एक विजेता हो । इन सब के साथ कुछ करने की चाह और कोशिश दोनों का साथ होना जरुरी है । अगर आपने कोई सफ़र शुरू किया है तो ये जरुरी नहीं की आप मंजिल पर पहुँच जाए तभी आपकी जीत होगी, बल्कि जब आपने अपने मंजिल के रास्तों पर चलने की कोशिश की तभी आपकी जीत की शरुआत हो गयी ।

इन्हें तथ्यों को सत्य में बदलता यह विडियो …..