नई दिल्ली : देश की सर्वोच्च न्यायलय के अहम फैसले के बाद ट्रांसजेंडरों को थर्ड जेंडर का दर्जा मिला है। उसके बाद देश में उनके लिए आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट भी बनने लगे हैं और उसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार और भोपाल नगर निगम ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ‘ट्रांसजेंडर टॉयलेट’ का निर्माण किया।
2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, महापौर आलोक शर्मा, क्षेत्रीय विधायक समेत बड़ी संख्या में मौजूद किन्नर समुदाय की मौजूदगी यह ‘ट्रांसजेंडर शौचालय’ का लोकार्पण किया। यह अपने आप में अनोखा मामला है, जब सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए पहल की हो।
आपको बता दें कि भोपाल देश का ऐसा शहर बन गया है, जहां ट्रांसजेंडर के लिए अलग शौचालय है। इसमें किन्नरों के लिए मेकअप और चेंजिंग रूम की भी सुविधा है। सर्वसुविधायुक्त इस ट्रांसजेंडर शौचालय में महिलाओं और फिजिकली चैलेंज महिलाओं लिए भी सुविधा होगी।
गौरतलब है कि महापौर आलोक शर्मा ने 3 साल पहले अप्रैल 2014 में ट्रांसजेंडर शौचालय बनाने की घोषणा की थी। भोपाल नगर निगम (BMC) ने पुराने भोपाल के मंगलवारा क्षेत्र में इसका निर्माण किया है। इस क्षेत्र में ट्रांसजेंडर की काफी आबादी भी है। इस शौचालय की लागत 20 लाख रुपए बताई गई है। किन्नरों से जुड़ी एक संस्था का मानना है कि यह कदम किन्नरों को समाज में उनका स्थान दिलाने की दिशा में छोटी सी ही सही, लेकिन अहम पहल है।