नई दिल्ली : यूपी में बीजेपी चुनाव प्रचार से बीजेपी सरकार बनने तक भारत में तीन तलाक का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट इस पर निर्णय सुना सकता है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक, ‘निकाह हलाला’ और बहुविवाह की परंपराओं की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करने के लिए 11 मई की तारीख भी तय कर दी है।
देश के अलग अलग चैनलों पर इस विषय पर बहस होती ही रहती है। ऐसी ही एक निजी चैनल पर बहस के दौरान मौलाना साहब ने सरकार पर शरीयत में दखल देने का आरोप लगते हुए सरकार के टुकड़े कर देने की धमकी दे डाली।
बहस में शामिल मुफ्ती मंजूर जियाई जो मुंबई की हाजी अली दरगाह और माहिम दरगाह के सलाहकार भी हैं ने तीन तलाक का समर्थन करते हुए कहा कि, ” जब से देश आजाद हुआ है तब से हमे अपनी शरीयत से चलने की आजादी है तो आज उसमें बदलाव की कहां से बात आ गई।
मुफ्ती ने कहा कि मैं आपको जिम्मेदारी से ये बात कह दूं कि जो हुकूमत इस तरह की बातें करेंगी, या हमारे कानून के साथ छेड़छाड़ करेंगी। उनके भी टुकड़े होते हुए भी आप अपने चैनल से बताएंगे कि उनके भी वो टुकड़ें होंगे जो हमारे शरीयत के कानून के साथ छेड़छाड़ करेंगे।”
मुफ्ती की इस बात पर एंकर समेत चर्चा में शामिल दूसरे लोग भड़क गए। इससे पहले तीन तलाक का मुद्दे को लेकर एक के बाद एक मुस्लिम महिलाएं सामने आकर प्रधानमंत्री मोदी से न्याय की गुहार लगा रही है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली सगुफ्ता ने पीएम मोदी को चिट्टी लिख न्याय की गुहार लगाई है और तीन तलाक खत्म करने की अपील की है। महिला की दो बेटियां और वह वर्तमान में गर्भवती है। महिला का कहना है कि उसका पति और ससुराल वाले उसका गर्भपात कराना चाहते थे, लेकिन मैंने अबॉर्शन कराने से मना कर दिया। जिसके बाद पति ने मेरे साथ मारपीट करने के बाद तीन बार तलाक, तलाक… तलाक बोलकर तलाक दे दिया।