मुंबई: महाराष्ट्र आवासीय एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएचएडीए) ने मंगलवार शाम को दावा किया कि दक्षिणी मुंबई के डोंगरी क्षेत्र में जो चार मंजिला इमारत दिन में गिरी है, वह अनाधिकृत थी। ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस दुर्घटना में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है। बचाव कार्य अभी जारी है और बहुत से लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है।
स्थानीय निकाय के अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी मुम्बई में डोंगरी इलाके की एक संकरी गली में चार मंजिला रिहायशी इमारत दोपहर से पहले गिर गई। मलबे में अब भी 40 से अधिक लोग फंसे हैं। इससे पहले महाराष्ट्र के आवास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया था कि प्राथमिक सूचना के अनुसार इस हादसे में 12 लोगों की मौत हुई है।
बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि टांडेल मार्ग पर ‘कौसरबाग’ बिल्डिंग गिरने से नौ लोग घायल भी हुए हैं।
मुंबई के मेयर विश्वनाथ महादेश्वर ने कहा कि उन्होंने नगर आयुक्त को मामले की जांच शुरू करने को कहा है। टीवी पर बचावकर्मियों द्वारा एक बच्चे को मलबे से बाहर निकालते हुए दिखाया गया। अधिकारियों ने बताया कि बच्चा जीवित है।
एक अधिकारी ने बताया कि बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) ने इमामबाड़ा नगरपालिका उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में आश्रयस्थल बनाया है।
मौके पर पहुंचे मुम्बादेवी के विधायक अमीन पटेल का कहना है कि बचाव कार्य में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम मौके पर पहुंच रही है। हमारा अंदाजा है कि मलबे में अभी भी 10-12 परिवार फंसे हुए हैं।
100 साल पुरानी थी बिल्डिंग : मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि इमारत करीब 100 साल पुरानी है लेकिन वह खस्ताहाल इमारतों की सूची में नहीं थी, उसे पुन:विकास के लिए डेवेलपर को दिया गया था। इस बिल्डिंग में 10-15 परिवार रह रहे थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इमारत महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (म्हाडा) की थी। हालांकि म्हाडा के मरम्मत बोर्ड के प्रमुख विनोद घोसालकर का कहना है कि इमारत संस्था की नहीं थी।
दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और निकाय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं लेकिन संकरी गलियों के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं और मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं।भीड़भाड़ वाला इलाका होने के कारण एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पायी, उसे घटनास्थल से 50 मीटर की दूरी पर खड़ा करना पड़ा।