हालाँकि मुंबई को पिछले वर्ष क्रिकेट को अलविदा कह चुके महान सचिन तेंदुलकर की कमी इस IPL में जरूर खलेगी। सचिन के मार्गदर्शन में IPL -2013 और चैम्पियंस लीग T-20-2013 जीतने के बाद मुंबई की निगाह अब खिताबी हैट्रिक लगाने पर है। बुधवार के मैच की बात करें तो मुंबई और नाइट राइर्ड्स के बीच IPL में अब 12 मुकाबले हुए हैं, जिसमें मुंबई को 10 बार जीत मिली है। दोनों ही टीमों ने IPL -7 के लिए अपनी टीमों में कई परिवर्तन किए हैं। मुंबई को इस सीजन में सचिन का मार्गदर्शन तो नहीं मिलेगा, पर न्यूजीलैंड के उदीयमान करिश्माई हरफनमौला बल्लेबाज कोरी एंडरसन इस सीजन के सर्वाधिक ध्यान दिए जाने वाले खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।
हालांकि मुंबई ने अपने पांच खिलाड़ियों को रिटेन किया है। मुंबई को खिताबी जीत दिलाने वाले कप्तान रोहित शर्मा के अलावा पिछले सत्र में सबसे अधिक रन बनाने वाले माइकल हसी से मुंबई को इस वर्ष भी काफी उम्मीदें रहेंगी, वहीं कीरन पोलार्ड और एंडरसन उसके रन मशीन साबित हो सकते हैं। गेंदबाजी आक्रमण की बात करें तो IPL में सर्वाधिक विकेट चटकाने के मामले में तीसरे स्थान पर मौजूद लसिथ मलिंगा इस बार भी उसके मुख्य हथियार होंगे। वहीं हरभजन सिंह ऐसा प्रदर्शन भले न कर सके हों, जो उन्हें राष्ट्रीय टीम में वापसी दिला सके, लेकिन मुंबई के लिए वह कई बार गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी संकटमोचक साबित हो चुके हैं।
नाइट राइर्ड्स की बात करें तो उसका सबसे मजबूत कंधा उसके कप्तान गौतम गंभीर का ही है। गंभीर IPL में सर्वाधिक रन बनाने वाले दूसरे नंबर के बल्लेबाज हैं। उन्होंने 17 मैचों में 590 रन बनाए हैं, तथा उनसे आगे सिर्फ आरसीबी के क्रिस गेल (733) ही हैं। गंभीर को टी-20 के मुताबिक आतिशी बल्लेबाज भले न माना जाता हो पर आरसीबी के खिलाफ 28 अप्रैल, 2012 को खेली गई 51 गेंदों पर 93 रनों की उनकी पारी से उन्होंने साबित किया है कि जरूरत पड़ने पर खुद को किसी भी रूप में ढाल सकते हैं। गंभीर के अलावा नाइट राइर्ड्स ने जैक्स कैलिस, यूसुफ पठान और सुनील नरेन पर भी भरोसा जताया है।
हालांकि नाइट राइर्ड्स के लिए IPL में एकमात्र शतक लगाने वाले ब्रेंडन मैक्लम इस बार उनकी टीम में नहीं हैं। नाइट राइर्ड्स ने इस बार रॉबिन उथप्पा और आस्ट्रेलिया के क्रिस लिन को शामिल किया है। दोनों ही टीमों की बल्लेबाजी में बहुत गहराई नजर नहीं आती, लेकिन अबु धाबी की धीमी, और कम स्कोर वाली पिच को देखते हुए उन्हें बल्लेबाजों की अपेक्षा गेंदबाजों की कहीं अधिक जरूरत पड़ेगी।
हालांकि अबु धाबी के इस स्टेडियम का T-20 में 168 रनों का सर्वोच्च स्कोर का रिकॉर्ड है। जिसे देखते हुए मुंबई को हरभजन और प्रज्ञान ओझा पर भरोसा होगा, वहीं नाइट राइर्ड्स नरेन और पियुष चावला को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। IPL -7 का मैच भले ही कैसा भी साबित हो लेकिन क्रिकेट जगत के लिए सबसे जरूरी बात यह यह होगा कि IPL का सातवां संस्करण पिछले संस्करण में लगे फिक्सिंग और सट्टेबाजी के दागों को कितना मिटा पता है।