देश में भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाकर उनकी भावनाओ से खेलने वाले बाबाओं की बेपर्दा होती होकिकत ये बयां करती है कि हमारे समाज में किस तरह से इन बाबा रूपी भ्रष्टाचारियों की पकड़ मजबूत हो चुकी है। खुद को बाबा कहलाने वाले ये सिर्फ जनता को ठगने का काम करते है, और हमारी जनता जनार्धन भी इतनी भोली है कि इन पाखंडियों की बनावती बातों में आकर बाबा के ठगी के काम को बढ़ावा देते हैं।
इन्ही बाबाओं के बीच में कुछ दिनों से चर्चे में चल रहे बाबा रामपाल लंबी जद्दोजहद के बाद सलाखों के पीछे गए रामपाल की बाबागीरी जेल में हवा होती नजर आ रही है। दरअसल, हरियाणा के सतलोक आश्रम में सदाचार व निडरता पर प्रवचन देने वाले रामपाल को जेल की चारदीवारी बेहद परेशान कर रही है।
दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आश्रम के भीतर भारी तादाद में हथियारों की बरामदगी और अवमानना के केस में रामपाल को 28 नवंबर तक जेल भेजा है। वहीं, हिसार की एक कोर्ट ने उसके समर्थकों और पुलिस से हुई हिंसक झड़प के मामले में उसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। अभी तक रामपाल के 525 समर्थकों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, सतलोक आश्रम में मरने वाली चार महिलाओं की मौत किसी भारी चीज से चोट पहुंचने की वजह से हुई है। इनमें से दो महिलाओं की कुछ हडि्डयां टूटी मिली हैं और कुछ के पैरों में चोट लगी है। इस रिपोर्ट के आधार पर रामपाल के खिलाफ हत्याट का मामला भी दर्ज किया गया है।
जिस आश्रम में रामपाल रहता था आश्रम में तहखाने का भी पता चला है, लेकिन अभी उसे खोला नहीं गया है। रामपाल के बैंक खातों की भी जांच होगी। फिलहाल बरवाला स्थित सतलोक आश्रम को पूरी तरह खाली करवा लिया गया है। पुलिस ने रामपाल की बुलेट प्रूफ कार और उनकी सुरक्षा में लगे ब्लैक कमांडो के बहुत सारे जले हुए आई−कार्ड बरामद किए हैं।
अब रामपाल का हाल यह है कि वह बुधवार रात जिन कपड़ों में गिरफ्तार किया गया था, गुरवार को कोर्ट में पेशी तक उन्हीं कपड़ों में था। बताया जाता है कि आश्रम में वह दूध से नहाता था। उसी दूध से खीर बना कर उसे बतौर प्रसाद भक्तोंि में बांटा जाता था। रामपाल जिस हवालात कक्ष में हैं, उसके बाहर दो गार्ड सुरक्षा में मुस्तैद हैं। हवालात कक्ष में जब पुलिसकर्मियों ने रामपाल से खाना खाने के बारे में पूछा तो कहा कि खाना नहीं खाएंगे। उसने केवल पानी की बोतल मांगी जो उन्हें उपलब्ध करा दी गई।
गौरतलब है कि रामपाल पहली बार एक मर्डर केस में साल 2006 में जेल जा चूका है। उसके बाद से वह तमाम तरकीबें निकलकर पुलिस और कानून के हाथों से बचता रहा। लेकिन इस बार रामपाल की नई नौटंकी के बाद अब उस पर 19 संगीन धाराएं लगाई गई हैं। इन धाराओं में उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा मुमकिन है। अदालती आदेश को चुनौती देते हुए रामपाल ने जो किया है, उसके बदले सजा-ए मौत तक हो सकती है। इसके अलावा आधी से ज्यादा संपति गंवानी पड़ सकती है।