नई दिल्ली : मुजफ्फरनगर बालिका छात्रावास में लड़कियों के यौन शोषण के मामले में दिल्ली कोर्ट ने छात्रावास संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित अन्य 19 आरोपियों को दोषी माना है। कोर्ट सभी दोषियों को 28 जनवरी को सजा सुनाएगा। एडिशनल सेशन जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने ब्रजेश ठाकुर को POCSO एक्ट और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषी माना है। कोर्ट ने इस मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया है। दिल्ली की साकेत कोर्ट द्वारा यह फैसला दिया गया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बा दिल्ली की जिला अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई थी।
गौरतलब है कि कोर्ट ने इस मामले में ब्रजेश ठाकुर सहित 20 आरोपियों के खिलाफ POCSO एक्ट, दुष्कर्म, आपराधिक षड़यंत्र सहित अन्य धाराओं में आरोप तय किए थे। सीबीआइ की ओर से ब्रजेश ठाकुर को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इस मामले में 1 अक्टूबर 2019 को आरोपियों के वकीलों की ओर से अंतिम दलील दी गई थी।
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 29 बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का सनसनीखेज खुलासा पिछले साल जुलाई में हुआ था। इस घटना की गूंज पूरे देश में हुई थी। शेल्टर होम में लड़कियों का मानसिक और शारीरिक शोषण किया जाता था। यहां 7 साल की बच्ची तक से दरिंदों द्वारा दुष्कर्म किया था। एक लड़की ने तो अपनी सहेली की हत्या कर शव को परिसर में ही दफना देने का गंभीर आरोप भी लगाया था।
देश को हिला देने वाले इस घटनाक्रम में स्वयंसेवी संस्था ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ के संचालक ब्रजेश ठाकुर का नाम सामने आया था। जांच में खुलासा हुआ था कि यहां रहने वाली 42 बच्चियों में से 34 के साथ दुष्कर्म किया गया था। इस मामले में पुलिस ने 8 महिलाओं को भी आरोपी बनाया गया था।