अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ में संयुक्त आलेख छपा है। इसमें दोनों देशों की तरक्की के लिए साथ-साथ चलने का वादा किया गया है।
इस संपादकीय की विशेष बातो पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि आज हमारी भागीदारी मजबूत, विश्वसनीय और टिकाउ है और इसमें विस्तार हो रहा है। भारत और अमेरिका का गठजोड़ इसलिए अहम है कि दोनों देशों के नागरिक न्याय और समानता में विश्वास रखते हैं। हमारे रिश्तों की सही ताकत की पहचान बाकी है।
ओबामा और मोदी ने कहा कि अब भी हमारे संबध की वास्तविक क्षमता को पूरी तरह हकीकत का रूप दिया जाना बाकी है। भारत और अमेरिका के बीच भरोसे का रिश्ता है। भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी मजबूत, विश्वसनीय और लंबे समय तक चलने वाली है। साझा प्रयासों से दोनों देशों का फायदा होगा।
मोदी और ओबामा ने कहा कि भारत में नयी सरकार का आना हमारे द्विपक्षीय संबंध को विस्तृत और मजबूत बनाने का एक स्वाभाविक अवसर है। वैश्विक साझीदार के तौर पर हम खुफिया जानकारियां साझा करके, आतंकवाद विरोधी संघर्ष तथा काननू-प्रवर्तन संबंधी सहयोग के जरिए अपनी गृह सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं: मोदी और ओबामा।
मोदी और ओबामा ने कहा कि हम समुद्री क्षेत्रों में नौवहन और वैध व्यापार की स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए मिलकर काम करेंगे।
स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए उनके शिकागो में विश्व धर्म संसद में दिए गए भाषण, मार्टिन लूथर किंग जूनियर अफ्रीकी-अमेरिकियों से होने वाले भेदभाव खत्म करने की कोशिशों और महात्मा गांधी के अहिंसा के पाठ का जिक्र किया गया है।
भारत और अमेरिका का सहयोग पुराना है। हरित क्रांति और आईआईटी हमारे सहयोग से पैदा हुई। व्यापार, निवेश और तकनीक में सहयोग जरूरी है। सामुद्रिक व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। भारत के स्वच्छता अभियान को अमेरिका का समर्थन मिलेगा।
भारत के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया गया है। द्विपक्षीय सहयोग की दिशा में और काम होंगे। दोनों देशों की सेनाओं, प्राइवेट सेक्टर और सिविल सोसायटी के बीच सहयोग बढ़ेगा। नागरिकों के फायदे के लिए नए एजेंडे का वक्त आ गया है।
महिला सशक्तिकरण पर जोर देने और अफगानिस्तान व अफ्रीका में फूड सिक्योरिटी बढ़ाने के क्षेत्र में दोनों देश मिलकर काम कर करेंगे।
साझा प्रयासों से दुनिया में अमन की बहाली संभव है। 21वीं सदी के लिए साथ चलने का वादा किया गया है। मंगल अभियान का जिक्र किया गया है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग जारी रहेगा।
खुफिया जानकारियां साझा करके, आतंकवाद विरोधी संघर्ष और कानून-प्रवर्तन संबंधी सहयोग के जरिए अपनी होमलैंड सिक्योरिटी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इबोला और कैंसर से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग जरूरी है। टीबी, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों पर काबू पाने के लिए दोनों देश साथ मिलकर काम करेंगे।
भारत अमेरिका का नारा होगा ‘चलें साथ-साथ’. अमेरिका भारत रणनीतिक भागीदारी के लिए विजन स्टेटमेंट ‘चलें साथ साथ’ (फॉरवर्ड टुगेदर वी गो) है।