मेदी ने पुणे के अपने लेक्चर में भी कांग्रेस की गेम चेंजर खाद्य सुरक्षा योजना पर सवालिया निशान लगाते हुए उन्होंने कहा, गरीबी हटाओं के नाम पर इस पार्टी ने वर्षों तक लोगों को मूर्ख बनाया है। अब कागज का एक पर्चा लेकर कांग्रेसी ऐसे दावे कर रहे हैं मानों लोगों की थाली में भोजन परोस दिया हो। सच्चाई यह है कि सिर्फ कानून बनाने से खाना नहीं मिलने वाला है। नामो ने इस रैली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी भरपूर निशाना साधा।
डनका कहना था कि, वह देश को विनाश के रास्तें पर ले जा रहे हैं। डॉलर के मुकाबले जिस रफ्तार से रूपये की कीमत गिर रही है, ऐसा लगता है जल्द ही यह पीएम की उम्र (80 वर्ष) के बराबर पहुंच जाएगी। फग्र्यूसन कॉलेज में छात्रों से मुखातिब उन्होंने कांग्रेस सांसद सुरेश कलमाड़ी के गृह नगर से राष्ट्रमंडल खेल घोटाले का मुद्दा भी उठाया। कहा कि इस घोटाले ने दुनिया की नजरों में देश की इज्जत मिट्टी में मिला दी।
नरेन्द्र मोदी के यह कहकर कांग्रेस का मजाक उड़ाने पर कि सत्तारूढ़ पार्टी हर बार जब संकट में फंसती है तो धर्मनिरपेक्षता का बुर्का पहन लेती है, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि उसका यह काम
सांप्रदायिकता से बेहतर है। कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर कहा है कि, धर्मनिरपेक्षता का बुर्का उनकी भाजपा की सांप्रदायिकता से बहुत बेहतर है।