यह पहला अवसर है जब राष्ट्रपति भवन में इतनी अधिक संख्या में लोग जुट रहे हैं, जहां अब तक हुए सबसे बड़े समारोहों, जैसे कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर होने वाले ‘जलपान कार्यक्रम’ में अधिकतम 1500 से 2,000 अतिथि शरीक हुए हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की प्रेस सचिव ओमिता पॉल ने बताया कि 1990 में चंद्रशेखर और 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी का शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हुआ था और उनमें 1,200 से 1,300 अतिथि शरीक हुए थे। ओमिता ने बताया कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में करीब 4,000 लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिनके लिए इंतजाम करना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है और हमें ऐसा करते हुए अच्छा लग रहा है। उन्होंने सोमवार के कार्यक्रम की तैयारियों के बारे में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए यह बात कही। सोमवार शाम 6 बजे मोदी का शपथ ग्रहण समारोह है।
ओमिता ने बताया कि मनोनीत प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्यों के कार्यक्रम में शरीक होने के बारे में फिलहाल कोई सूचना नहीं है। ओमिता के मीडिया से बात करने के साथ-साथ मंच की आखिरी तैयारी भी चल रही थी, जहां मोदी और उनके मंत्रिपरिषद को राष्ट्रपति शपथ दिलाएंगे।
कैबिनेट के आकार के बारे में पूछे जाने पर ओमिता ने कहा, ‘हमें इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है कि प्रधानमंत्री के साथ कौन-कौन शपथ लेंगे।’ उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने प्रांगण में शपथ ग्रहण समारोह की इजाजत दी है, क्योंकि वह हमेशा ही अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह राष्ट्रपति की कोशिश है कि राष्ट्रपति भवन को जन हितैषी बनाया जाएगा।’
शपथ वाले दिन बारिश होने की संभावना का संकेत देने वाले मौसम पूर्वानुमानों पर ओमिता ने कहा कि वह आशा करती हैं कि कार्यक्रम के दौरान बारिश नहीं होगी, क्योंकि ऐसा होने पर आयोजन ‘दरबार हॉल’ के अंदर करना होगा, जहां 500 लोगों के ही बैठने की व्यवस्था है और अन्य 400 लोग खड़े हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रांगण तक पैदल नहीं जा सकने वाले लोगों के लिए 12 बग्घी सेवा में लगाई जाएंगी। अतिथियों के प्रांगण स्थित नार्थ कोर्ट, साउथ कोर्ट और सेंट्रल विस्टा में शाम 5 बजे तक बैठ जाने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा कारणों को लेकर थले या मोबाइल फोन आयोजन स्थल के अंदर ले जाने की इजाजत नहीं होगी।
ओमिता ने बताया, ‘हमने गर्मी के मौसम के लिए पंखे, पानी आदि कुछ इंतजाम किए हैं।’ उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, ‘सूरज की तपिश का आनंद उठाइए और धूप सेंकिए।’ वीवीआईपी के आगमन के लिए शाम 5 बजे राष्ट्रपति भवन को जाने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए जाएंगे।
यह पहला मौका है जब दक्षेस देशों के शासनाध्यक्ष इस तरह के कार्यक्रम में शरीक हो रहे हैं। ओमिता ने बताया कि यह इस लिहाज से भी पहला मौका है, जब सभी 777 सांसदों को न्योता भेजा गया है, जिनमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं।
सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, राजनयिक, दूत और अन्य संवैधानिक प्रमुख कार्यक्रम में शरीक होंगे। इसके अलावा 350 पत्रकार भी उपस्थित रहेंगे। निवर्तमान यूपीए 2 कैबिनेट के सदस्यों को भी कार्यक्रम में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
इंतजार की घड़ियों के दौरान लोगों के मनोरंजन के लिए नौसेना, सेना और वायुसेना के बैंड देशभक्ति गानों की धुन बजाएंगे। इसके बाद शाम पौने पांच बजे से वीवीआईपी के आगमन के बारे में कमेंट्री भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि आयोजन स्थल के रणनीतिक केंद्रों पर एंबुलेंस और चिकित्सकों की टीम भी रखी गई है।
खाने के मेन्यू में गुजराती व्यंजन भी शामिल है। मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित सार्क देशों के नेताओं और उनके प्रतिनिधियों के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी डिनर आयोजित करेंगे जिसमें मेहमानों को गुजरात से तमिलनाडु तक के व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। रात्रिभोज का आयोजन येलो ड्रॉइंग रूम में किया जाएगा जिसमें नए प्रधानमंत्री और उनकी टीम भी शामिल होगी।
डिनर के दौरान मेहमानों को गुजरात का केला मेथी नू शाक, तमिलनाडु का चिकन चेट्टीनाद, पंजाब का दाल मखनी और बंगाल का पौटोल दोरमा जैसे मशहूर व्यंजन परोसे जाएंगे। राष्ट्रपति भवन और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अपने आंतरिक शेफों से सलाह-मशविरे के बाद डिनर का मेन्यू तैयार किया है। इस रात्रिभोज में प्रॉन सुक्का या चिकन चेट्टीनाद, बीरबली कोफ्ता करी (मुगलई) और जयपुरी भिंडी (राजस्थान) भी परोसी जाएगी।
शपथ-ग्रहण संपन्न होने के बाद लोगों को गुजराती शाकाहारी व्यंजन ढोकला सहित छह तरह के नमकीन दिए जाएंगे। राष्ट्रपति-भवन से रवाना होते वक्त गणमान्य हस्तियों को पान खिलाकर विदा किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या नए प्रधानमंत्री के गुजरात से होने की वजह से ढोकला परोसा जाएगा, इस पर राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पॉल ने मुस्कुराते हुए कहा, नहीं, नहीं यह तो हम अपनी इच्छा से कर रहे हैं।