जानिए, पाकिस्तान में भारत के सर्जिकल स्ट्राइक-2 का सच

नई दिल्ली : भारत में आए दिन होने वाले आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के लिए नियंत्रण रेखा (LOC) के समीप स्थित पाकिस्तानी चौकियों के खिलाफ भारतीय सेना ने कार्रवाई की। इस कार्रवाई को पाक सेना द्वारा दो भारतीय जवानों को सिर काटने का बदला बताया जा रहा है।

मंगलवार को इंडियन आर्मी की ओर से इस कार्रवाई की जानकारी दी गई है। साथ ही पाकिस्तान बंकरों को तबाह करने का वीडियो भी जारी किया गया। स्पेशल ऑपरेशन में भारतीय सेना ने 20-21 मई को नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के करीब 10 पाकिस्तानी बंकरों को नष्ट कर दिया। इसमें 20 से 25 आतंकियों और पाकिस्तान सेना के जवानों के मारे जाने की खबर है।

 

इस ऑपरेशन में आधुनिक हथियारों का प्रयोग करने की बात सामने आ रही है। हिंदुस्तान टाइम्स के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना द्वारा इस हमले को अंजाम देने के लिए 6 प्रमुख हथियारों का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रमुख हथियार 106 एमएम रिकॉलेस गन, 130 एमएम आर्टिलरी गन्स, एयरक्राफ्ट गन्स, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, रॉकेट लॉन्चर और ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर शामिल है।

130 एमएम आर्टिलरी गन्स (130 mm artillery guns): आर्मी सूत्रों के मुताबिक सीधे हमले के लिए इस तरह की आर्टिलरी बंदूक का इस्तेमाल किया जाता है। पिछले साल अक्टूबर में कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में सिपाही मनदीप सिंह के साथ की गई बर्बरता के बाद सेना ने कई पाकिस्तानी पोस्ट्स को नष्ट करने के लिए बोफोर्स गन का इस्तेमाल किया था।

 

106 एमएम रिकॉलेस गन (106 mm recoilless gun): recoilless gun या RCLR एक लाइट ट्यूब आर्टिलरी हथियार है जिसे जमीन पर या फिर हल्के वाहन पर रखकर फायर किया जा सकता है। कई देशों की आर्मी इन गन्स का इस्तेमाल करते हैं। यह दिखने में रॉकेट लांचर की तरह है लेकिन इससे रॉकेट नहीं बल्कि आर्टिलरी शैल्स दागे जाते हैं। इसकी रेंज 3 किलोमीटर से ज्यादा होती है।

एंटी एयरक्राफ्ट गन्स (Anti-aircraft guns): एंटी एयरक्राफ्ट गन्स जमीन और हवाई लक्ष्य को बेदने में सक्षम होती है। इसकी रेंज 2.5 किलोमीटर होती है। इस तरह के हथियारों विमानों को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए गोले को दागने में सक्षम हैं। इसके साथ ही यह हाई एंगल पर गोलीबारी करने में भी सक्षम होती है।

 

एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (Anti-tank guided missiles): इस तरह की मिसाइल को खास तौर पर टैंकों और विशेष रूप से हथियारों से लैस गाड़ियों को निशाना बनाने और उन पर हमला करने के लिए तैयार किया जाता है। ATGMs का साइज कंधे पर रखकर चलाने वाले हथियार जितना होता है, जिसे एक सैनिक आसानी से ले जा सकता है। इसमें वॉरहेड बड़ा होता है, जिसके कारण यह आसानी से हल्के और मध्यम टैंक को लंबी दूरी से निशाना लगा सकता है।

रॉकेट लॉन्चर (Rocket launchers): पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाने के लिए भारत ने 84 एमएम कार्ल-गुस्तोव रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया है। इसका निर्माण स्वीडन में किया गया है और यह एक किलोमीटर पर स्थित टारगेट को आसानी से नष्ट कर सकती है। भारतीय सेना के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर भी विकसित किया है। पिनाका कारगिल युद्ध के दौरान सेवा में रही थी।

ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर (Automatic grenade launcher): भारतीय सेना ने पाकिस्तानी की चौकियों को निशाना बनाने के लिए रूस में बने एजीएस-30 ग्रेनेड लॉन्चर का भी इस्तेमाल किया। यह ग्रेनेड 2 किलोमीटर दूर स्थित टारगेट पर हमला कर सकता है।