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AAP के शीर्ष नेताओं में मतभेद, शाजिया को वापस लाने का प्रयास

argdनई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम होने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेतृत्व में अब मतभेद उभरकर सामने आ गया है। वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है तो पार्टी ने शाजिया इल्मी को वापस लाने का प्रयास शुरू कर दिया है।

‘आप’ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के नेतृत्व को आलोचना का सामना करना पड़ा। पार्टी में मतभेद योगेंद्र यादव और मनीष सिसोदिया के बीच हुए पत्र व्यवहार के बाद खुलकर सामने आ गया। केजरीवाल के निकट साथी मनीष सिसोदिया ने यादव पर आरोप लगाया कि वह केजरीवाल को निशाना बना रहे हैं और आंतरिक मामलों को सार्वजनिक कर रहे हैं।

शुक्रवार को योगेंद्र यादव और केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। पार्टी ने इस मुद्दे को तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा कि अलग-अलग राय अपराध नहीं है और इससे पार्टी में लोकतंत्र प्रदर्शित होता है। आप’ के नेता संजय सिंह ने कहा, ‘इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। पार्टी के लोग एक दूसरे मेल कर सकते हैं। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है और यह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को प्रदर्शित करता है।

योगेंद्र यादव ने पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) को लिखे पत्र में कहा, ‘कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों में यह व्यापक धारणा है कि पार्टी व्यक्ति पूजा की बीमारी से घिर गई है, जिससे देश की दूसरी पार्टियां भी घिरी हुई हैं। पार्टी के नेता नवीन जयहिंद से मतभेद के बाद यादव ने पिछले दिनों पीएसी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पत्र में अपने इस्तीफे की वजह भी बताई है।

यादव ने कहा, ‘पार्टी के बड़े फैसलों में एक व्यक्ति की इच्छा झलकती है। जब उसका दिमाग बदलता है तो पार्टी अपने कदम बदल देती है। नेता से करीब होना संगठनात्मक भूमिकाएं और जिम्मेदारियां का आधार है। उन्होंएने कहा, ‘जब सभी फैसलों और सफलताओं का श्रेय एक व्यक्ति को दिया जाता है तो सभी आरोप भी एक ही व्यक्ति पर जाएंगे।

यादव ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि अरविंद भाई पार्टी में निर्विवादित नेता हैं। परंतु नेता और सुप्रीमो में फर्क होता है। नेता के प्रति स्नेह और आकषर्ण अक्सर व्यक्ति पूजा में तब्दील हो जाता है जिससे संगठन और नेता दोनों को नुकसान होता है। ऐसी हमारी पार्टी में होता दिख रहा है।

इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने योगेंद्र यादव के खिलाफ एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि केजरीवाल कुछ साल तक दिल्ली की ही राजनीति करना चाहते थे और सभी उनके लोकसभा चुनाव लड़ने के खिलाफ थे, लेकिन योगेंद्र यादव ने लोकसभा चुनाव लड़ने पर जोर दिया और नतीजा सबके सामने है।

मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि योगेंद्र यादव चिट्ठियों की राजनीति कर रहे हैं। ऐसा करके क्या वह पार्टी खत्म करना चाहते हैं। नवीन जयहिंद के खिलाफ लड़ाई जीतना चाहते हैं या फिर अरविंद केजरीवाल को खत्म करना चाहते हैं।

मनीष सिसोदिया ने यह चिट्ठी योगेंद्र यादव की उस चिट्ठी के जवाब में लिखी है, जिसमें यादव ने लिखा था कि आम आदमी पार्टी व्यक्तिवाद का शिकार हो चुकी है और पार्टी में सारे फैसले एक ही व्यक्ति को ध्यान में रखकर लिए जा रहे हैं।