नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला में बालिका आश्रय गृह में बच्चियों से हुए दुष्कर्म मामले में कड़ी टिप्पणी की है। मुजफ्फपुर मामले में बिहार सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए कोर्ट ने पूछा कि आखिर सरकार ने बालिका गृह चलाने वाले NGO को फंड देने से पहले उसकी जांच क्यों नहीं करायी। ऐसा लगता है कि ये सारी गतिविधियां राज्य सरकार की ओर से प्रायोजित थी। साथ ही कोर्ट ने कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की देवरिया की घटना का भी ज़िक्र किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर में यह क्या हो रहा है। लेफ्ट, राइट और सेंटर, सब जगह दुष्कर्म हो रहा है। मामले की अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को होगी।
कोर्ट ने NGO की सोशल ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बिहार में कई NGO है, जो इस तरह की गतिविधियों में सम्मिलित हैं। साथ ही राज्य सरकार की ओर से फंड प्राप्त करने वाली ऐसी 15 संस्थाएं है जो जांच के घेरे में हैं। कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा कि आखिर ऐसा क्यों है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एम बी लोकुर ने कहा कि देश में चारों तरफ बच्चियों से बलात्कार की खबरें आ रही हैं।
बता दें कि पिछले हफ्ते इस मसले पर संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार, केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस को नोटिस जारी किया था। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कहा था कि वो बच्चियों का न तो इंटरव्यू ले, न उनकी तस्वीर दिखाए।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मीडिया किसी भी मामले मे दुष्कर्म पीड़िताओं की धंधुली फोटो भी नही दिखाएंगे और न ही इंटरव्यू लेंगे।