सोमालिया तट से पकड़ कर भारत लाए गए नौ समुद्री लुटेरों को बुधवार को नौसेना ने मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया है. बता दें कि सोमालिया के पूर्व में 9 समुद्री लुटेरों से भारतीय नौसेना ने 23 पाकिस्तानी नागरिकों को रेस्क्यू किया था. सभी समुद्री लुटेरों पर मेरिटाइम एंटी पायरेसी एक्ट 2022 के तहत कानूनी कार्रवाई होगी.
बता दें कि 29 मार्च को भारतीय नौसेना के INS त्रिशूल और INS सुमेधा ने फ़िशिंग वेसल अल कम्बार को 9 समुद्री लुटेरों से छुड़ाया था. 3 अप्रैल को नौसेना के INS त्रिशूल समुद्री लुटेरों को मुंबई लेकर पहुंचा. पोत पर चालक दल के 23 पाकिस्तानी नागरिक सवार थे. बंधक बनाने की यह घटना 29 मार्च को हुई थी. सुमद्री लुटेरों ने ईरानी ध्वज वाले पोत को बंधक बना लिया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना ने कार्रवाई करते हुए इन्हें पकड़ा था.
भारतीय नौसेना ने समुद्री डकैती रोधी अभियान के तहत 12 घंटे से अधिक के गहन सामरिक उपायों के बाद अपहृत ईरानी पोत और उसके चालक दल के सदस्यों को बचा लिया था. अधिकारी ने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना दल के सफल अभियान के बाद समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया और चालक दल के सदस्यों को बचा लिया गया. इसके बाद समुद्री लुटेरों को नौसेना ने हिरासत में ले लिया और छह दिन की यात्रा के बाद समुद्री लुटेरों को मुंबई लाया गया.”
उन्होंने बताया कि नौसेना ने समुद्री लुटेरों को यहां पुलिस को सौंप दिया. अधिकारी ने कहा कि मुंबई पुलिस ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, समुद्री डकैती रोधी अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया.