जानिए, यहाँ कैसे हुई नवाज़ शरीफ की बेइज्जती

नई दिल्ली : तहरीक-ए-पाकिस्तान के नेता इमरान खान और पाक मीडिया का एक धड़ा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की जमकर आलोचना कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सऊदी अरब में इस्लामिक समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मौजूदगी में नवाज शरीफ को मंच पर बोलने के लिए बुलाया भी नहीं गया, जबकि उन्होंने पूरी फ्लाइट के दौरान भाषण का रिहर्सल किया था। इस्लामी सैन्य गठबंधन के अध्यक्ष और पाकिस्तानी सेना के पूर्व चीफ जनरल राहील शरीफ से भी बोलने के लिए नहीं कहा गया।

पाकिस्तान की बेइज्जती यहीं नहीं रुकी। ट्रंप ने भी अपने भाषण में भारत, रूस और अॉस्ट्रेलिया जैसे देशों पर आतंकवाद के घातक परिणामों का जिक्र किया, लेकिन उन्होंने एक भी बार पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। ट्रंप ने सभी मुस्लिम देशों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि आतंकी उनकी धरती का इस्तेमाल किसी और देश पर हमला करने के लिए न करें। पाकिस्तान के एक अखबार द नेशन ने अपनी रिपोर्ट में छापा कि उनका देश ट्रंप की उदासीनता से नाराज है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने कहा, इससे हमें दुख पहुंचा है। हमें उम्मीद थी कि आतंकवाद का खात्मा करने में हमारी भूमिका का भी जिक्र किया जाएगा।

पाकिस्तान के एक अखबार द नेशन ने अपनी रिपोर्ट में छापा कि उनका देश ट्रंप की उदासीनता से नाराज है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने कहा, इससे हमें दुख पहुंचा है। हमें उम्मीद थी कि आतंकवाद का खात्मा करने में हमारी भूमिका का भी जिक्र किया जाएगा। अखबार की दूसरी रिपोर्ट में सलीम बोखारी ने लिखा, पूरे पाकिस्तानी मीडिया डेलिगेशन की भावना यही थी कि परमाणु संपन्न मुस्लिम मुल्क की बेइज्जती की गई, क्योंकि न तो वैश्विक आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान की भूमिका का कोई जिक्र था और न ही नवाज शरीफ को इस मुद्दे पर बोलने के लिए बुलाया गया। उन्होंने कहा कि आतंकी हमलों में पाकिस्तान के 70 हजार नागरिक मारे जा चुके हैं, लेकिन फिर भी ट्रंप को यह दिखाई नहीं दिया। इमरान खान ने कहा कि जिस तरह नवाज शरीफ से बर्ताव किया गया वह बहुत दुखद है। पाकिस्तान की विदेश नीति एक आपदा की तरह है।