नीट पेपर लीक के आरोपों के बीच शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं को ट्रांसपेरेंट और निष्पक्ष बनाने के लिए विशेषज्ञों की एक हाई लेवल कमिटी बनाई. ये कमिटी परीक्षा की प्रक्रियाओं में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और NTA के स्ट्रक्चर पर काम करेगी. यह समिति 2 महीने के अंदर शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
Dr.के राधाकृष्णन समिति के अध्यक्ष
इस हाई लेवल कमिटी के चेयरमैन के रूप में ईसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ के राधाकृष्णन कार्यभार संभालेंगे. इस उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष और मेंबर्स की लिस्ट में AIIMS के जाने माने पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया भी शामिल हैं.
कमिटी में ये लोग भी हैं शामिल
इस समिति में हैदराबादसेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर बीजे राव, आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस राममूर्ति के, पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली में छात्र मामलों के डीन प्रोफेसर आदित्य मित्तल शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जयसवाल शामिल हैं.
NTA की भूमिका की भी होगी जांच
शिक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, उच्च स्तरीय पैनल एंड-टू-एंड परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करेगा और परीक्षा प्रणाली में क्या-क्या सुधार किया जा सकता है इसका उपाय बताएगी. इसके साथ ही पैनल एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रिया और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करेगा और इसके सुधार को लेकर सिफारिश करेगा. यह समीति एनटीए के हर स्तर के पदाधिकारियों की भूमिका और उनकी जिम्मेदारी की जांच भी करेगा.
शिक्षा मंत्री उच्च स्तरीय समिति बनाने के बात कही थी
इससे पहले 20 जून के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनटीए के कामकाज की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाए जाने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने एनटीए के अधिकारियों सहित दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाने की भी बात कही थी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा था कि हमें अपनी व्यवस्था पर भरोसा रखना चाहिए और सरकार किसी भी प्रकार की अनियमितता या कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी.