नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों समेत नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मंगलवार दोपहर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के तीन केंद्र थे। जिसमें से दो केंद्र नेपाल और एक केंद्र अफगानिस्तान था। नेपाल में एक केंद्र की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 और दूसरे की 6.2 मापी गई है।
भारत में भी राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित पूरे उत्तर भारत में इस भूकंप के झटके महसूस किए गए। इन झटकों के चलते लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल पड़े। भूकंप के झटकों के बाद दिल्ली मेट्रो की सेवा कुछ देर के लिए रोक दी गई।
नेपाल के कोडारी में भूकंप का केंद्र जमीन से 18 किलोमीटर नीचे था। वहीं, अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 6.9 मापी गई है। भूकंप के तेज झटकों से एक बार फिर दशहत का माहौल कायम हो गया और लोग घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर और खुले मैदानों में आ गए।
इस बीच, मौसम विभाग के अनुसार अभी कम तीव्रता वाले भूकंप के और झटके आ सकते हैं। इधर, गृह मंत्रालय ने इसकी रिपोर्ट मांगी है। राजनाथ ने कहा कि भारत नेपाल की मदद को तैयार है। उधर, इस भूकंप से नेपाल में कई लोगों के मरने की आशंका है। वहां कई इमारतें गिरने की सूचना है। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, बिहार में एक मजदूर और एक बच्चे के मरने की सूचना है।
दोपहर करीब 12 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, ओडिशा, असम और उत्तर प्रदेश में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसके बाद एक बार फिर 1 बजकर 9 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इसके बाद दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर फिर भूकंप का झटका आया। इसकी तीव्रता 4.4 थी।
हिमाचल प्रदेश में कुल्लू, मनाली, कांगडा, धर्मशाला, मंडी और शिमला में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों के बाद दिल्ली और कोलकाता में मेट्रो सेवा रोक दी गई है।
उल्लेखनीय है कि 25 अप्रैल को नेपाल में आए 7.9 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप को पूरे उत्तर भारत में महसूस किया गया था। इस भूकंप के चलते नेपाल में 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और करीब 17,000 घायल हो गए। वहां अब तक भूकंप के करीब 165 झटके महसूस किए जा चुके हैं। इस भूकंप से बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल में भी करीब 70 लोगों की मौत हो गई थी।