आरुषी ह्त्या काण्ड में एक और नया खुलासा

aarushi2008 में हुए आरुषी हत्या काण्ड को 5 वर्ष हो गये है लेकिन इन 5 वर्षों में न जाने कितनी ही बार कई सवाल खड़े हुए हैए और सवाल ऐसे जो सिर्फ सवाल बनकर ही रह गये। आज तक इन सवालों का ऐसा कोई जवाब सामने नहीं आया जिससे आरुषी हत्या काण्ड की गुत्थी को सुलझाया जा सके। अब फिर एक खुलासा किया गया है। आरुषि.हेमराज मर्डर केस में जो बयान आ रहे हैं, उसमें सेक्सि की पुष्टि की बात कही जा रही है।

इससे पहले भी तत्कासलीन नोएडा अध्यआक्ष ने कोर्ट में आरुषि के बारे में इसी ओर इशारा करते हुए बयान दिया था और अब हेमराज के शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉण् नरेश राज ने भी सीबीआई को अपना ब्यान देते हुए अदालत में एक नया खुलासा किया हैए जो बहुत ही चौकाने वाला भी है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि हेमराज के शारीर के गुप्त अंग में सूजन थी। डॉण् ने अपनी बात रखते हुए यह कहा है कि ऐसा केवल दो ही स्थिति में होता है. या तो मरने से पहले कोई व्यक्ति सेक्स कर रहा हो या करने की तैयारी में हो।

डिफेंस 25 मार्च को इस मामले में पूछ दृ ताछ करेगा। सीबीआई के लोक अभियोजक बीके सिंह ने नोएडा जिला अस्पताल के सीनियर डॉक्टर नरेश राज को गवाही के लिए कोर्ट में पेश किया। नरेश राज ने बताया कि 17 मई 2008 को हेमराज के शव का पोस्टमार्टम किया था। मृतक की उम्र करीब 45 वर्ष थी। उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम रात को 9 बजे में किया गया। इसके अलावा उसके शरीर पर चोट व खरोंच के कई नि‍शान थे। साथ ही जांच में यह भी पता चला कि उसके सिर के पिछले हिस्से की हड्डी में फ्रैक्चर की पुष्टि की गई है ।

डॉण् नरेश ने यह भी बताया था कि सि‍र के पीछे की हड्डी में पाए जाने वाला घाव यही बयां करता है कि यह प्रहार किसी सख्त वस्तु से किया गया होगा। उसकी मौत भी डेढ़ से दो दिन पहले ज्यादा खून बह जाने से हुई थी। साथ ही उसके गले पर भी घाव के निशान पाए गये थे और इस घाव घाव की लंबाई लगभग 30 सेंटीमीटर बताई गई है। डॉण् का कहना है की घाव को देखकर यही लगता है की इसपर हमले के लिए किसी धार वाले वस्तु का इस्तेमाल किया गया होगा।

आरुषी हत्या काण्ड तो हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। अब देखना यह है डॉण् नरेश ने जो खुलासे किये है उसका कितना असर इस मर्डर मिस्ट्री पर कितना होता है। क्योकि आरुषी हत्या काण्ड को लेकर तो अभी तक न जाने कितने ही सवाल उठे लेकिन अभी तक ऐसा कोई सबुत किसी के हाथ नहीं लगा जो आरुषी को इन्साफ दिला सके।