ब्रिटेन में पिछले महीने सामने आया कोविड का एक नया वेरिएंट EG.5.1 अब देश में तेजी से फैल रहा है. इंग्लैंड के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि यह वेरिएंट तेजी से फैले ओमीक्रोन से उत्पन्न हुआ है. ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने कहा कि EG.5.1 को ‘एरिस’ उपनाम दिया गया है. कोविड के प्रत्येक 7 नए मामलों में से एक मामला इस वेरिएंट का निकल रहा है.
बुजुर्गों पर कर रहा अटैक नया वेरिएंट
UKHSA की टीकाकरण प्रमुख डॉ मैरी रामसे ने कहा, ‘हम देख रहे हैं इस सप्ताह की रिपोर्ट में कोविड-19 मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सभी आयु वर्गों के लोग विशेषकर बुजुर्ग बड़ी संख्या में अस्पतालों में आ रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘नियमित रूप से हाथ धोने से आप काफी हद तक कोरोना और अन्य वायरस से बचे रह सकते हैं. अगर किसी मरीज में सांस की बीमारी के लक्षण हैं तो उसे हरसंभव तरीके से दूसरों से दूर रहना चाहिए.’
काबू में हैं हालात!
कोरोना का नया वेरिएंट मिलने के बावजूद फिलहाल इसे ज्यादा गंभीर नहीं माना जा रहा है. इसकी वजह ये है कि ब्रिटेन में सामने आ रहे कोरोना के ताजा आंकड़ों में इस नए वेरिएंट के मरीजों की संख्या केवल 14.6 प्रतिशत ही है. UKHSA के ‘रेस्पिरेटरी डेटामार्ट सिस्टम’ के जरिए रिकॉर्ड किए गए 4,396 नमूनों में से 5.4 प्रतिशत लोग कोरोना से पीड़ित पाए गए.
सतर्कता बनाए रखें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दो सप्ताह पहले ही EG.5.1 वेरिएंट पर उस वक्त नजर रखना शुरू कर दिया था, जब डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा था कि लोग टीकों और पूर्व संक्रमण से अब पहले से बेहतर सुरक्षित हैं. हालांकि सभी देशों को अपनी सतर्कता में अभी कमी नहीं लानी चाहिए. एशिया में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से 31 जुलाई को इसे कोविड के नए वेरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया गया.