नई दिल्ली : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद राज्य में अजिब इस्थीती पैदा हो गई है, जयललिता के निधन के बाद सीएम बने ओ पनीरसेल्वम ने पहले इस्तीफा देते हुए शशीकला नटराजन को विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव रखा, जिसके बाद उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा दिया नहीं मुझ से दिलवाया गया।
बता दें कि जयललिता के निधन पर अब भी संसय बरकरार है, इस बीच पनीरसेल्वम एक के बाद एक कई खुलासे कर रहे है। जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने को लेकर पनीरसेल्वम ने पहली बार खुल कर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जयललिता के अस्पताल में 75 दिन तक भर्ती रहने के दौरान वह उनसे एक बार भी नहीं मिल पाए।
उन्होंने बताया कि अपोलो अस्पताल में किसी भी राजनेता की ‘अम्मा’ से मुलाकात नहीं हुई। एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मेरे परिवार हर दिन मुझ से पूछते थे कि मेरी अम्मा से मुलाकात हुई की नहीं। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगा कि मैं अपने परिवार से झूठ बोल दू, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।
पनीरसेल्वम ने बताया कि हमें बताया गया था कि अम्मा की सेहत में सुधार हो रहा है, इस लिए हम आश्वस्त थे लेकिन जब एका-एक अम्मा का निधन हो गया तो हमें लगा हम शक्तिहीन हो गए है। उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी नेता को अम्मा से मुलाकात करते नहीं देखा, बस दो बार राज्यपाल उन से मिलने के लिए अंदर गए थे। हालांकि मीडिया में खबर है कि जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा अन्य कई लोग उन्हें मिलने पहुंचे थे।
पनीरसेल्वम ने कहा कि उन्होंने कई बार अम्मा से मुलाकात करने का प्रयास किया लेकिन वह मिल नहीं पाए, जिसके बाद उन्हें लगा की यह मेरा दुर्भाग्य है और मैं पापी हूं जो अस्पताल में उन्हें देख भी नहीं सका।