नई दिल्ली : पाकिस्तानी सेना के टॉप अधिकारियों ने पिछले हफ्ते एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान आतंकवाद से निपटने को लेकर देश के सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच अनबन की खबर लीक होने पर गंभीर चिंता जतायी है।
खबर सामने आने के बाद उसके रिपोर्टर के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई थी। सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने रावलपिंडी जनरल हेडक्वार्टर्स में हुई कोर कमांडर कॉन्फ्रेंस की इस बैठक की अध्यक्षता की। सेना ने एक बयान में कहा कि प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री के घर पर हुई एक अहम सुरक्षा बैठक की फर्जी और मनगढ़ंत खबर देने पर अपनी गंभीर चिंता जताई और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन माना।
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने पिछले हफ्ते अपनी एक खबर में कहा था कि हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों को सेना के परोक्ष समर्थन को लेकर असैन्य सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान के बीच तनातनी हुई थी।
खबर के बाद पत्रकार सायरिल अलमिदा के पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई थी जिससे देश के पत्रकार संघ काफी आक्रोश जताया था। प्रतिष्ठित अखबार ने निहित स्वार्थ और गलत रिपोर्टिंग के आरोपों को खारिज करते हुए एक संपादकीय प्रकाशित किया जिसमें कहा गया कि सरकार और सेना के बीच तनातनी से जुड़ी अलमिदा की खबर विधिवत सत्यापित की गई है और यह पूरी तरह सही रिपोर्टिंग है।
प्रधानमंत्री के कार्यालय ने 6 अक्टूबर को खबर आने के बाद से दोनों प्रतिष्ठानों के बीच किसी तरह की अनबन से लगातार इनकार किया है। सेना ने कहा कि शुक्रवार की बैठक में प्रतिभागियों ने नियंत्रण रेखा के माहौल और सेना की अभियान संबंधी तैयारी पर खास ध्यान देते हुए आतंरिक और बाहरी सुरक्षा की स्थिति की व्यापक समीक्षा की।
दूसरी तरफ पाकिस्तान ने देश के एक प्रमुख पत्रकार की विदेश यात्रा पर लगी रोक आलोचनाओं के बाद शुक्रवार को हटा ली। डॉन समाचारपत्र के पत्रकार सायरिल अलमिदा पर यात्रा प्रतिबंध लगाने को लेकर मीडिया घरानों, पत्रकार संगठनों एवं नागरिक समाज की ओर से सरकार एवं सेना की व्यापक आलोचना की गई थी।