नई दिल्ली : National Green Tribunal (NGT) ने राजधानी में चलने वाली दस साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से निबटने के मामले में सख्ती बरतते हुए सोमवार को जारी अपने आदेश में NGT ने दिल्ली आरटीओ से कहा है कि वह दस साल पुराने डीलज वाहनों का पंजीकरण फौरन रद्द करे और ऐसे वाहनों की सूची दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को सौंपे ताकि वह इस मामले में उचित कार्रवाई कर सके। एनजीटी ने आरटीओ से यह भी कहा कि वह उसके आदेश के बारे में एक सार्वजनिक नोटिस जारी करे ताकि सर्वसाधारण को इसकी जानकारी मिल सके।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार NGT नहीं बल्कि आरटीओ के पास होता है इसलिए NGT ने दिल्ली आरटीओ को इस सबंध में आवश्यक आदेश जारी किया है। बहरहाल उसने प्रतिबंध के मामले में ट्रकों को कुछ दिन की राहत दी है। डीजल मसले पर NGT में अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।
NGT ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से इस बारे में जवाब मांगा कि स्कूल और अस्पतालों को ‘नो हॉकिंग जोन’ के रूप में चिह्नित किया गया है या नहीं। उसने इसी के साथ यह आदेश भी दिया कि वाहनों में बाहर से कोई हॉर्न नहीं लगाए जाएंगे। दो पहिया वाहन पर भी यह नियम लागू होगा।
NGT ने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध का आदेश जारी करने के साथ ही यह सवाल भी किया जब डीजल वाहन, पेट्रोल वाहन की तुलना में महंगे हैं तो इन पर रोक लगाने को लेकर इतना हल्ला क्यों मचाया जा रहा है। उसका कहना था कि ऑड-ईवन योजना से भी दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर नहीं सुधर पाया है। ऐसा पुराने वाहनों से जहरीली गैस के उत्सर्जन की वजह से हो रहा है इसलिए पुराने डीजल वाहनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाना जरूरी हो गया है।
NGT ने इसके साथ ही निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल और कचरा जलाए जाने के बारे में पहले जारी अपने आदेश पर अमल के बारे में स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है। संबंधित विभागों से अलग-अलग रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
NGT ने इससे पहले हुई सुनवाई में यह साफ संकेत दे दिए थे कि प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली में 10 साल से अधिक पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर रोक लगाने पर विचार किया जा सकता है। इस बारे में यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है।