नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैकिंग घोटाले में सीबीआइ और ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इसमें शामिल कोई भी शख्स नहीं बचेगा। रविवार को छुट्टी वाले दिन भी देश भर में नीरव मोदी, मेहुल चौकसी के कई ठिकानों पर छापेमारी हुई।
वहीं आज सुबह सीबीआइ ने PNB की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस ब्रांच को सील कर दिया है। साथ ही बैंक के बाहर नोटिस का एक पर्चा चिपका दिया है, जिस पर लिखा है कि इस ब्रांच को नीरव मोदी एलओयू मामले के कारण सील किया जाता है। इसके बाद इस ब्रांच में कोई भी काम नहीं होगा। पीएनबी कर्मचारियों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच तेज हो गई है। सूत्रों का कहना है कि अन्य बैंकों के अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं। जिन बैंकों की विदेशी शाखाओं से पीएनबी के धोखाधड़ी वाले साख पत्रों (एलओयू) के जरिये कर्ज दिया गया उनके अधिकारी भी जांच के घेरे में आ गये हैं। सूत्रों ने कहा कि भारतीय बैंकों इलाहाबाद बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक, यूको बैंक और एक्सिस बैंक की हांगकांग शाखाओं के अधिकारी इस पूरे घोटाले में शामिल हैं। यह घोटाला पिछले सात साल से चल रहा था। ईडी ने अब तक मामले में 5694 करोड़ रुपये के हीरे, सोने के जेवर और बेशकीमती रत्न जब्त किये हैं।
आयकर विभाग ने कर चोरी की जांच के सिलसिले में गीतांजलि जेम्स, इसके प्रमोटर मेहुल चोकसी और अन्य के नौ बैंक खातों से लेन-देन पर शनिवार को रोक लगा दी थी। आयकर ने नीरव मोदी, उनके परिवार के सदस्यों और उनके स्वामित्व वाले फर्मों की 29 संपत्तियां कुर्क कर ली थीं और 105 बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी थी।
सीबीआई ने इस मामले में रविवार को पीएनबी की ब्रैडी रोड शाखा के समूचे परिसर को अपने नियंत्रण में ले लिया और गहन तलाशी अभियान शुरू किया। बैंक की यह शाखा अरबपति जौहरी नीरव मोदी एवं मेहुल चौकसी की संलिप्तता वाले भारी बैंक धोखाधड़ी के केंद्र में रही है। जांच एजेंसी ने बैंक के महा प्रबंधक स्तर के अधिकारियों सहित पांच और अधिकारियों से पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि कुल 11 लोगों से पूछताछ की जा रही है।
11,400 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद क्रिसिल ने पीएनबी की रेटिंग को निगरानी में रखा है। रेटिंग एजेंसी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को उसके विभिन्न ऋण जुटाने के साधनों को ‘एएए’ और ‘एए’ रेटिंग दे रखी है. क्रिसिल ने कहा, ‘‘धोखाधड़ी के खुलासे के बाद हमने पीएनबी के ऋण जुटाने के माध्यमों (बांड) को दी गयी रेटिंग को निगरानी में रखा है।’’ एजेंसी ने कहा कि हमने इस बारे में पीएनबी प्रबंधन से चीजों को स्पष्ट करने की मांग की है जिसमें वसूली की संभावना, अनुमानित प्रावधान, पूंजीकरण अनुपात पर संभावित प्रभाव तथा अतिरिक्त पूंजी समर्थन की उम्मीद शामिल है्।
घोटाले में फंसे पीएनबी के जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाले बड़े कर्जदारों की राशि में बढ़ोतरी हुई है। बैंक के 25 लाख रुपये और उससे ऊपर के जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों की राशि में जनवरी को समाप्त केवल आठ महीने में करीब 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सीबीआई गीतांजलि समूह की भारत स्थित 18 सहायक कंपनियों के बैलेंस शीट की जांच पड़ताल कर रही है जो मेहुल चौकसी द्वारा प्रवर्तित है। सीबीआई ऐसा इसलिए कर रही है ताकि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा दी गई 11300 करोड़ रूपये की गारंटी के आधार पर विभिन्न बैंकों से ली गई राशि की लेनदेन की पूरी श्रृंखला का पता लग सके।
शेयर बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक में हुये घोटाले से जुड़े घटनाक्रमों, वैश्विक संकेतों, कच्चे तेल की कीमतों से तय होगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को देश के 15 शहरों की 45 जगहों की तलाशी ली। बेंगलुरु में 10 जगहों पर, दिल्ली में सात जगहों पर, कोलकाता और मुंबई में पांच-पांच जगहों पर, चंडीगढ़ और हैदराबाद में चार-चार जगहों पर, पटना और लखनऊ में तीन जगहों पर, अहमदाबाद में दो जगहों पर और चेन्नई व गुवाहाटी में एक-एक जगहों पर एजेंसी ने छापेमारी की। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि गोवा, जयपुर, श्रीनगर और जालंधर में भी इस मामले में छापेमारी की गई है, लेकिन जगहों की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
उद्योग मंडल एसोचैम ने हीरा व्यापारी नीरव मोदी से जुड़े पीएनबी के 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को सरकारी बैंकों में अपनी अधिकतम हिस्सेदारी बेच देनी चाहिए ताकि ये बैंक निजी तौर पर काम कर सकें। पीएनबी ने इस सप्ताह खुलासा किया था कि बैंक की मुंबई की एक शाखा में 1,77.169 करोड़ डॉलर की धोखाधड़ी हुई है। यह राशि बैंक की शुद्ध आय लगभग 1,320 करोड़ रुपये के आठ गुना के बराबर है.
प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनकी कंपनियों की रविवार को लगातार चौथे दिन तलाशी जारी रखी और 20 करोड़ रुपये का हीरा और सोना जब्त किया। ईडी धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कम से कम दो दर्जन अचल संपत्तियों को कुर्क करने जा रही है।
ईडी और आयकर विभाग ने देश और विदेश में 200 डमी या मुखौटा कंपनियों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनका इस्तेमाल कथित धोखाधड़ी के हिस्से के रूप में धन को भेजने या हासिल करने में किया जाता था। इस बात का संदेह है कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल आरोपी धन शोधन करने और जमीन, सोना और बेशकीमती रत्नों के रूप में ‘बेनामी’ संपत्ति खरीदने में कर रहे थे। इसकी आयकर विभाग अब जांच कर रहा है।
वहीँ समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने आयकर विभाग के हवाले से कहा है कि पंजाब नेशनल बैंक-नीरव मोदी घोटाले की वजह से भारतीय बैंकों के 19,317 करोड़ डूब सकते हैं। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके पार्टनर मेहुल चोकसी से जुड़ी कंपनियों को विभिन्न भारतीय बैंकों की ओर से दिए गए लोन और कॉरपोरेट गारंटी की वजह से ये पैसे खोने पड़ सकते हैं।
एजेंसी के मुताबिक, आयकर विभाग के एक नोट से पता चला है कि मार्च 2017 तक कई बैकों ने 17,632 करोड़ के लोन और गारंटी नीरव मोदी और चोकसी के फर्म को दिए हैं। विभाग का एक नोट कहता है कि ये राशि पिछले वर्ष के अंत तक बढ़ गई होगी और बैंकों का कुल कर्ज 19 हजार करोड़ को पार हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नोट भारत के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड की आयकर विभाग की ओर से की गई प्राथमिक जांच का हिस्सा है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक नीरव मोदी से जुड़े फर्म्स को लोन/क्रेडिट देने वालों में शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, नीरव मोदी की तीन कंपनियों स्टीलर डायमंड, सोलर एक्सपोर्ट्स और डायमंड आर यूएस के ऊपर कुल कर्ज 3,992 करोड़ था। जांच बताती है कि कंपनियां संबंधी पार्टी को सामान बेचते थी और दाम या तो काफी अधिक रखे जाते थे या उसे बिल में जोड़ा ही नहीं जाता था।
इस बीच सीबीआई और इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट घोटाले की जांच कर रही है। पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खरात, नीरव मोदी की कंपनी के अधिकारी हेमंत भट्ट सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उधर, एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ‘सीबीआई की हिरासत में रखे गए पीएनबी के कर्मचारियों ने खुलासा किया है कि नीरव मोदी की टीम को पीएनबी के कंप्यूटर सिस्टम तक अनाधिकृत रूप से पहुंच दी गई।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएनबी के अफसरों को नीरव मोदी की कंपनियों को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग देने के लिए अच्छा कमीशन मिलता था और इस कमीशन के लालच में ही उन्होंने यह सब किया।